नई दिल्लीः महिलाओं को पेड पीरियड लीव यानी मासिक धर्म के दौरान छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं, इस पर संसद में कल सवाल उठाया गया. जाहिर सी बात है ये वैसी छुट्टी की बात है जहां आपकी तनख्वाह में कोई कमी न आए. महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने इसका जवाब देते हुए […]
नई दिल्लीः महिलाओं को पेड पीरियड लीव यानी मासिक धर्म के दौरान छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं, इस पर संसद में कल सवाल उठाया गया. जाहिर सी बात है ये वैसी छुट्टी की बात है जहां आपकी तनख्वाह में कोई कमी न आए. महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने इसका जवाब देते हुए कहा की मासिक धर्म कोई ‘बाधा’ नहीं है और इसलिए इसके लिए ‘सवैतनिक अवकाश नीति’ की आवश्यकता नहीं है।
स्मृति ईरानी ने कहा कि यह महिलाओं के जीवन का हिस्सा है और इसको हमें दिव्यांगता की सोच से नहीं देखना चाहिए. राज्यसभा में सांसद मनोज कुमार झा ने संसद में पेड पिरियड लीव को लेकर सवाल पूछा था. मनोज कुमार झा राष्ट्रीय जनता दल से सांसद हैं और भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ अपनी आक्रामकता के लिए भी जाने जाते हैं.
ईरानी ने कहा है कि अगर महिलाओं को पीरियड के दौरान छुट्टी दी गई तो इससे महिलाओं के प्रति भेदभाव को प्रोत्साह मिलेगा. वहीं मासिक धर्म को लेकर जो हाइजीन की बात है, उसकी अहमियत को स्मृति ईरानी ने स्वीकार किया. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए गए एक मसौदे की भी बात रखी. ईरानी ने कहा कि यह मसौदा बहुत से स्टेक होल्डर्स से बातचीत कर के तैयार किया गया है. इसका मकसद देश भर में मासिक धर्म को लेकर जागरूकता फैलाना और हाइजीन से जुड़ी चीजों की पहुंच बढ़ाना है.
पीरियड के दौरान पेड छुट्टी दी जानी चाहिए या नहीं, यह वाद विवाद का कारण बना है. स्पेन ने अपने यहां ये प्रावधान किया है कि पीरियड के दौरान होने वाले दर्द के वक्त महिलाओं और लड़कियों को छुट्टी दी जाएगी. स्पेन यूरोप में ऐसा करने वाला पहला देश बना है. लेकिन भारत के संदर्भ में अभी सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है. 8 दिसंबर को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जब इसको लेकर एक सवाल किया था तो भारत सरकार की ओर से यही जवाब दिया गया था.
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