मुंबई. पद्मश्री विजेता नंद किशोर प्रुस्टी का निधन 104 साल की आयु में हो गया. वह कोविड-19 से संक्रमित चल रहे थे और उनका इलाज चल रहा था. वे लोगों के बीच नंदा सर के नाम से मशहूर थे और अपने अनोखे जीवन शैली के लिए जाने जाते थे. बता दें पिछले महीने ही उन्हें […]
मुंबई. पद्मश्री विजेता नंद किशोर प्रुस्टी का निधन 104 साल की आयु में हो गया. वह कोविड-19 से संक्रमित चल रहे थे और उनका इलाज चल रहा था. वे लोगों के बीच नंदा सर के नाम से मशहूर थे और अपने अनोखे जीवन शैली के लिए जाने जाते थे. बता दें पिछले महीने ही उन्हें अपने सराहनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने पद्मश्री से सम्मानित किया था. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत तमान बड़े नेताओं ने शोक जाहिर ( Padma shri nanda sir passes away at the age of 104) किया हैं.
बता दें पद्मश्री विजेता नंद किशोर प्रुस्टी ने चटशाली की परंपरा को बरकरार रखा था. चटशाली परंपरा का मतलब ओडिशा में प्राथमिक शिक्षा के लिए के एक गैरऔपचारिक स्कूल से है. हर दिन यहां छोटे बच्चे इकठा होते हैं और नंद किशोर सर उन्हें उड़िया के अक्षर और गणित सिखाते हैं. वे यह काम पिछले 70 साल से कर रहे थे और किसी भी बच्चे से उन्होंने कभी फीस नहीं ली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि नंद किशोर प्रुस्टी जी के निधन से आहत हूं। ओडिशा में शिक्षा की खुशियों को फैलाने के उनके प्रयासों के कारण बहुत सम्मानित नंदा सर को पीढ़ियों तक याद किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि नन्द किशोर प्रुस्टी जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्हें हाल ही में ओडिशा में बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने में उनके अग्रणी योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। राष्ट्र इस महान आत्मा को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए हमेशा याद रखेगा।