Araria Bridge Collapse: 12 करोड़ की लागत से बन रहा अररिया पुल नदी में समाया

बिहार: अररिया में बकरा नदी पर बन रहा पड़रिया पुल मंगलवार को नदी में समा गया। इस पुल का निर्माण सिखटी प्रखंड और कुर्साकाटा प्रखंड को जोड़ने के लिए किया जा रहा था। लेकिन विभागीय लापरवाही और संवेदक की अनियमितता के कारण यह हादसा हुआ। स्थानीय नेता की मेहनत पड़रिया पुल का निर्माण स्थानीय विधायक […]

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Araria Bridge Collapse: 12 करोड़ की लागत से बन रहा अररिया पुल नदी में समाया

Anjali Singh

  • June 18, 2024 5:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago
बिहार: अररिया में बकरा नदी पर बन रहा पड़रिया पुल मंगलवार को नदी में समा गया। इस पुल का निर्माण सिखटी प्रखंड और कुर्साकाटा प्रखंड को जोड़ने के लिए किया जा रहा था। लेकिन विभागीय लापरवाही और संवेदक की अनियमितता के कारण यह हादसा हुआ।

स्थानीय नेता की मेहनत

पड़रिया पुल का निर्माण स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल और सांसद प्रदीप कुमार सिंह की मेहनत का परिणाम था। इस पुल के निर्माण पर 12 करोड़ रुपये की लागत आई थी। यह पुल पहली बार नदी का किनारा बाढ़ के कारण टूटने के बाद बनना शुरू हुआ था। पुल का निर्माण बकरा नदी और कुर्साकाटा के बीच डोमरा बांध पर किया जा रहा था।

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लापरवाही के कारण हादसा

विधायक विजय कुमार मंडल ने हाल ही में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को पुल का निर्माण कार्य दिखाया था और बाढ़ से पहले कटावरोधी कार्य करने की बात कही थी। लेकिन इन सभी बातों के बावजूद न तो कटावरोधी कार्य किया गया और न ही पुल का निर्माण सही तरीके से हुआ। इसके परिणामस्वरूप पुल का तीन पाया बकरा नदी के गर्भ में समा गया।

कार्रवाई की मांग

विधायक विजय कुमार मंडल ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुल का निर्माण और पाइलिंग कार्य रात के अंधेरे में किया गया था। यदि पाइलिंग सही तरीके से होता तो पुल का पाया नदी में नहीं समाता। उन्होंने विभागीय अधिकारी और संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सिकटी प्रखंड के कौआखों पंचायत के पैक्स अध्यक्ष विकास कुमार यादव ने भी बताया कि पुल निर्माण में अनियमितता बरती गई, जिसका परिणाम यह हुआ कि पुल बाढ़ का पहला पानी भी नहीं झेल पाया।

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने भी विभागीय अधिकारी और संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इतनी लागत से पुल का निर्माण होता है और पुल धराशाई हो जाता है, फिर भी कार्रवाई नहीं होती। इससे संवेदक और विभागीय अधिकारियों का मनोबल काफी ऊंचा हो गया है। ग्रामीणों ने तत्काल ही कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

इस प्रकार, 12 करोड़ की लागत से बन रहा पड़रिया पुल विभागीय लापरवाही और संवेदक की अनियमितता के कारण नदी में समा गया। इस हादसे से स्थानीय लोगों में काफी रोष है और वे दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

 

 

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