P Chidambaram INX Media Case: पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया केस में बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. अब चिदंबरम, कपिल सिब्बल के साथ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. यदि सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली तो पी चिदंबरम की गिरफ्तारी तय है. आइए जानते हैं कि क्या है आईएनएक्स मीडिया मामला और पी चिदंबरम पर इस मामले में क्या आरोप हैं?
नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. आईएनएक्स मीडिया केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए अब उनके पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही एकमात्र रास्ता बचा है. पी चिदंबरम अपने वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए हैं. यदि चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है तो सीबीआई उन्हें किसी भी वक्त गिरफ्तार कर सकती है. इससे पहले सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर चुकी है. आइए जानते हैं कि क्या है आईएनएक्स मीडिया केस और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पर क्या है आरोप.
15 मई 2017 को सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया हाउस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि आईएनएक्स मीडिया को 2007 में फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से से क्लीयरेंस मिला था. उस वक्त केंद्र में यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार थी और पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे. सीबीआई का आरोप है कि पी चिदंबरम ने अपने पावर का उपयोग कर आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से क्लीयरेंस दिलवाया था.
आईएनएक्स मीडिया कंपनी में इंद्राणी और पीटर मुखर्जी का मालिकाना हक था. साथ ही पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने इस मामले की जांच को रुकवाने के लिए कथित तौर पर 10 लाख डॉलर की घूस की भी मांग की थी. इंद्राणी मुखर्जी फिलहाल अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर केस में जेल में सजा काट रही हैं.
सीबीआई ने फरवरी 2018 में इस मामले में कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया था. लंदन से भारत लौटते वक्त उन्हें चेन्नई एयरपोर्ट से ही सीबीआई ने अपने कब्जे में ले लिया था. इसके बाद उनसे इस मामले में पूछताछ की गई थी. अब सीबीआई पी चिदंबरम से पूछताछ करना चाह रही है.
पी चिदंबरम का कहना है कि जांच अधिकारी उन्हें बेवजह परेशान कर रहे हैं. दूसरी ओर सीबीआई की दलील है कि चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर ही पूछताछ की जा सकती है.