P Chidambaram CBI Custody Court Order: आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व गृह मंत्री और वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. सीबीआई ने चिदंबरम को बुधवार रात गिरफ्तार किया था इसके बाद गुरुवार को सीबीआई कोर्ट में उन्हें पेश किया गया. दिल्ली की राउज एवेन्यू सीबीआई कोर्ट ने चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है. जज अजय कुमार ने अपने आदेश में कहा कि चिदंबरम के खिलाफ लगे आरोप गंभीर है और इस मामले में गहन जांच की जरूरत है. साथ ही उन्होंने साल 2007 और 2008 में आईएनएक्स मीडिया डील के दौरान हुए पेमेंट और उससे जुड़े दस्तावेजों के बारे में भी अपने आदेश में जिक्र किया. जानिए सीबीआई जज अजय कुमार ने अपने आदेश में क्या कहा.
नई दिल्ली. पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. चिदंबरम 26 अगस्त तक सीबीआई की कस्टडी में रहेंगे. सीबीआई उनसे आईएनएक्स मीडिया मामले में पूछताछ करेगी और इस केस में और सबूत इकट्ठा करने की कोशिश करेगी. सीबीआई ने बुधवार रात नई दिल्ली के जोर बाग स्थित आवास से चिदंबरम को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें गुरुवार दोपहर बाद राउज एवेन्यू सीबीआई कोर्ट में पेश किया. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा. वहीं चिदंबरम की ओर से कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की. इस दौरान सीबीआई जज अजय कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और चिदंबरम को पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया. आइए जानते हैं कि सीबीआई जज अजय कुमार ने अपने आदेश में क्या-क्या कहा-
सीबीआई कोर्ट ने कहा कि आरोपी यानी चिदंबरम के खिलाफ लगे आरोप बेहद गम्भीर हैं. इस केस में गहन जांच की जरूरत है इसमें कोई दो राय नहीं है. जज ने अपने आदेश में कहा कि साल 2007-08 और साल 2008-09 में आरोपी को पेमेंट किए जाने के आरोप बहुत विशिष्ट और कैटगरिकल है. मनी ट्रेल का पता लगाने की जरूरत है.
जज ने कहा कि इसमे कोई संदेह नहीं कि यह केस दस्तावेजों और सबूतों पर आधारित है लेकिन इन दस्तावेजों का पता लगाने की जरूरत है. साथ ही यह भी अभी पता करने की जरूरत है कि जांच के लिहाज से ये दस्तावेज और सबूत कितने जरूरी हैं.
जज अजय कुमार ने अपने आदेश में बताया कि आरोपी यानी चिदंबरम के वकीलों की ओर से कहा गया है कि पिछले साल 6 जून के बाद से कोई पूछताछ नहीं की गई, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि प्रभावी जांच के लिए जांच एजेंसी को मौका ही ना दिया जाए. जांच को मुकम्मल अंजाम तक पहुचाने की जरूरत है. इस लिहाज से उन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ जरूरी है.
आपको बता दें कि पांच दिन की कस्टडी के दौरान चिदंबरम को अपने वकील और परिवार के लोगों से मिलने के लिए हर दिन आधे घंटे का समय दिया जाएगा. सोमवार 26 अगस्त को रिमांड खत्म होने के बाद उनका मेडिकल चेकअप कराया जाएगा. इसके बाद उन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा.