Oxford Coronavirus Vaccine: डिवेलपर सारा गिलबर्ट ने बीबीसी रेडियो से इंटरव्यू में कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के आने का लक्ष्य इस साल के अंत तक का रखा गया है लेकिन इसके बारे में कोई निश्चितता नहीं है क्योंकि हमें तीन चीजों की जरूरत है. उन्होने कहा कि वैक्सीन की ट्रायल के लास्ट फेस के रिजल्ट पॉजीटिव आने के बाद ही इसे बड़ी मात्रा में बनाया जा सकता है.
नई दिल्ली: दुनिया में हर रोज हजारों लोगों की जान ले रहे कोरोना वायरस की वैकसीन का हर देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है. साइंटिस्ट भी दिन रात इसी कोशिश में जुटे हैं कि जल्द से जल्द कोरोना की दवा बाजार में उपलब्ध करा दी जाए लेकिन वैक्सीन बनने में जितनी देर हो रही है उतनी ही ज्यादा चिंता बढ़ती जा रही है. विश्व की शीर्ष संस्था ऑक्सफोर्ड की डिवेलपर ने बताया है कि वैक्सीन कब तक आएगी? डिवेलपर ने कहा है कि ऑक्सफोर्ड की जिस वैक्सीन के साइड इफेक्ट से सुरक्षित होने की जानकारी सामने आई है, वह इस साल के अंत तक आ सकती है. हालांकि इसमें देरी की संभावना है लेकिन इतना तय है कि अगले साल की शुरूआत तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में आ जाएगी.
डिवेलपर सारा गिलबर्ट ने बीबीसी रेडियो से इंटरव्यू में कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के आने का लक्ष्य इस साल के अंत तक का रखा गया है लेकिन इसके बारे में कोई निश्चितता नहीं है क्योंकि हमें तीन चीजों की जरूरत है. उन्होने कहा कि वैक्सीन की ट्रायल के लास्ट फेस के रिजल्ट पॉजीटिव आने के बाद ही इसे बड़ी मात्रा में बनाया जा सकता है. हालांकि उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनने के बाद नियामकों को वैक्सीन के तत्काल इस्तेमाल के लिए लाइसेंस देना होगा ताकि जल्द से जल्द इसका प्रोडक्शन शुरू हो सके. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मेडिसिन में प्रोफेसर जॉन बेल ने बताया कि अच्छी बात यह है कि कोरोना संक्रमित लोगों पर वैक्सीन ने अच्छा असर किया है. उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन सुरक्षित और प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाली है
दूसरी तरफ खबर है कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की वैक्सीन आखिरी स्टेज के ट्रायल चल रही हैं और अमेरिका में भी जल्द ट्रायल शुरू होने वाले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन काफी अहम साबित होने वाली है.