गुजरात चुनाव: कांग्रेस को मिलेगी दोहरी मार, एक तरफ ओवैसी तो दूसरी तरफ केजरीवाल

गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनावों के चलते कांग्रेस की परेशानियां डबल हो गई हैं जहाँ एक ओर केजरीवाल ने मुकाबले को त्रिकोणीय कर दिया था, वहीं असद उद्दीन ओवैसी की एंट्री ने इस चुनाव मे रोमांच बढ़ा दिया है। ओवैसी की आमद कांग्रेस के लिए घातक साबित हो सकती है, वहीं दूसरी ओर केजरीवाल के लिए […]

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गुजरात चुनाव: कांग्रेस को मिलेगी दोहरी मार, एक तरफ ओवैसी तो दूसरी तरफ केजरीवाल

Farhan Uddin Siddiqui

  • November 27, 2022 12:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनावों के चलते कांग्रेस की परेशानियां डबल हो गई हैं जहाँ एक ओर केजरीवाल ने मुकाबले को त्रिकोणीय कर दिया था, वहीं असद उद्दीन ओवैसी की एंट्री ने इस चुनाव मे रोमांच बढ़ा दिया है। ओवैसी की आमद कांग्रेस के लिए घातक साबित हो सकती है, वहीं दूसरी ओर केजरीवाल के लिए भी ओवैसी सिर दर्द पैदा कर सकते हैं। मुस्लिम वोटों के सहारे सीटों मे इजाफा करने वाली आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस दोनो के लिए ओवैसी ने खतरा पैदा कर दिया है.

कहां लड़ेंगे ओवैसी के नेता?

गुजरात चुनावों के चलते कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा सहारा है, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। जबकि कांग्रेस ने 6 और आम आदमी पार्टी ने 2 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दे कर मैदान में उतारा है। हिंदू वोट बैंक की धाक से सरकार बनाने वाली भाजपा मुस्लिमों को अपने वोट बैंक का हिस्सा न मानते हुए चनावों के लिए अग्रसर है वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मुस्लिम सीटों की बदौलत अपनी हिस्सेदारी मे इजाफा करना चाहते हैं। लेकिन असद उद्दीन ओवैसी ने 14 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट देकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की नींदे उड़ा दी है.

इस सीट पर होगी टक्कर

गुजरात में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 9 प्रतिशत है इसके बावजूद एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट ने देने से भाजपा के आत्मविश्वास का पता चलता है। 2017 के चुनावों में गोधरा सीट पर भाजपा को कांग्रेस ने कांटे की टक्कर दी थी। भाजपा ने कांग्रेस के उम्मीदवार को मात्र 293 वोटों से परास्त किया था। ऐसे में ओवैसी की मौजूदगी ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम कर दिया है।
ओवैसी की इस चाल को बिल्कुल भी भाजपा की बी टीम की संज्ञा नहीं दे सकते क्योंकि लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का हक प्रत्येक पार्टी को है।

 

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