Opposition On Rafale Deal Verdict: आज सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए राफेल डील मामले में उनके पक्ष में फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के मोदी सरकार के पक्ष में दिए फैसले को याचिकाकर्ता ने गलत करार दिया है. उन्होंने इस मामले में दोबारा याचिका दायर करने का फैसला किया है.
नई दिल्ली. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में अपना फैसला सुनाया. उन्होंने ये फैसला नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला प्रशात भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा द्वारा दायर की गई राफेल विमान खरीद सौदे को रद्द करने की याचिका और इस मामले में अदालत के सामने जांच की याचिका पर फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर सभी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राफेल की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं है. उन्हें विमानों की खरीद के एनडीए सरकार के फैसले में कोई अनियमितता नहीं मिली. राफेल सौदे में उन्हें कोई संदेह नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने सवाल खड़े किए. उन्होंने इस फैसले को गलत करार देते हुए कहा, ‘हमारे विचार में राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्कुल गलत है, हम अपना विचार नहीं छोड़ेंगे. हम इस बात पर जल्द फैसला करेंगे की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जाए या नहीं.’
Prashant Bhushan: In our opinion the Supreme Court judgement is totally wrong, the campaign will certainly not drop and we will decide if we will file a review petition #Rafaledeal https://t.co/djJheTLAhr
— ANI (@ANI) December 14, 2018
इस फैसले पर विपक्ष ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. विपक्ष पार्टी कांग्रेस ने इस याचिका पर हस्ताक्षर की मांग के साथ ट्वीट करके कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर पर कह दिया है कि राफेल डील मामले में जाच करना उनकी न्याय सीमा के बाहर है. हम एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा इस मामले में जांच करने की मांग करते हैं. पारदर्शिता की मांग के लिए याचिका पर हस्ताक्षर करें.’ वहीं कांग्रेस ने तीन सवाल और खड़े किए हैं. पहला सवाल है कि यदि यूपीए की डील के समय से ही सब एक जैसा है तो अब हर विमान की कीमत में 300 प्रतिशत का इजाफा क्यों?
Three pertinent questions on the #RafaleScam still remain unanswered:
(1/3) If the specification of the Rafale jets are the same as those under the UPA deal, why was there a 300% rise in the price of each aircraft? #JPCforRafaleScam pic.twitter.com/aqVCovCeT0
— Congress (@INCIndia) December 14, 2018
दूसरा सवाल क्यों पीएम मोदी ने कर्ज में डूबी और अनुभवहीन कंपनी रिलायंस को रक्षा क्षेत्र में 70 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाली कंपनी से ज्यादा महत्व दिया?
(2/3) Why did PM Modi push for the inexperienced & debt-ridden Reliance over HAL which has over 70 years of experience in the defence manufacturing sector? #JPCforRafaleScam
— Congress (@INCIndia) December 14, 2018
तीसरा सवाल क्यों पीएम मोदी ने डीपीपी के नियमों का उल्लंघन किया और वेंडर को अनिल अंबानी की रिलायंस रक्षा को चुनने के लिए प्रभावित किया?
(3/3) Why did PM Modi violate the DPP guidelines & influence the vendor to choose Anil Ambani’s Reliance Defence? #JPCforRafaleScam pic.twitter.com/7HdhSlYiWe
— Congress (@INCIndia) December 14, 2018
रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस की उस बात की पुष्टि है करता है जो कांग्रेस महीनों से कह रही थी कि सुप्रीम कोर्ट इस तरह के रक्षा कॉन्ट्रेक्ट जैसे संवेदनशील मामले में फैसला लेने की जगह नहीं है. अनुच्छेद 136 और 32 इस मुद्दे, मूल्य निर्धारण, प्रक्रिया, गारंटी और राफेल डील में भ्रष्टाचार पर निर्णय लेने के लिए सही मंच नहीं हैं. इसके लिए सही मंच केवल संयुक्त संसदीय समिति है जो राफले डील में पूरे भ्रष्टाचार की जांच कर सकती है.’
Randeep Surjewala: Article 136&32 are not the forum to decide the issue, the pricing, the process, the sovereign guarantee&the corruption in the Rafale contract.Only forum&only media is a Joint Parliamentary Committee (JPC) which can probe the entire corruption in #RafaleDeal. https://t.co/AFYBGKCVHe
— ANI (@ANI) December 14, 2018
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फैसले पर संयुक्त संसदीय समिति जांच की मांग उठाई है. वहीं इस फैसले पर सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने वो कहा जो उन्हें सही लगा लेकिन राजनीतिक पार्टियां मामले में संयुक्त संसदीय समिति जांच की मांग करती हैं.’
Saugata Roy,TMC : Supreme Court said what it thinks was right but the political parties demand a JPC probe into #Rafaledeal pic.twitter.com/3Nv8Q2owrp
— ANI (@ANI) December 14, 2018
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम मुद्दों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. हम राफेल डील मामले में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा डांच की मांग रखते हैं. संयुक्त संसदीय समिति के पास सभी कागजात मंगाने का अधिकार है. प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट के विरोधात्मक फैसले पर खुशी मनाने का कोई कारण नहीं है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उनका इस मामले की गहराई में जाना सही नहीं होगा.
Anand Sharma, Congress: There is no reason for PM and BJP Govt to celebrate Supreme Court order which in itself is contradictory. Honourable SC has said it won't be proper for it to go into details #RafaleDeal pic.twitter.com/xfexRVx1jq
— ANI (@ANI) December 14, 2018
आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाए हैं. आम आदमी पार्टी ने भी इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति जांच की मांग की है. आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा, ‘देश के सर्वोच्च सदन की शक्तियों को नजरअंदाज करना गलत होगा, हम अपनी मांग दोहरा रहे हैं कि राफेल पर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन हो और जांच की जाए. उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पूरा सम्मान है लेकिन ये जवाब आज भी अधूरा है कि कैसे 12 दिन पहले बनी कंपनी को ऑफसेट पार्टनर बना दिया गया, ये संयुक्त संसदीय समिति के माध्यम से पता लगाया जा सकता है.‘
Press Conference by Senior Leader @SanjayAzadSln on Rafale Issue 👇 https://t.co/TNTMptLziW
— AAP (@AamAadmiParty) December 14, 2018