नई दिल्ली। राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा आज यानी मंगलवार को 11 निलंबित विपक्षी सांसदों को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का दोषी(Opposition MPs Suspended) ठहराया गया। लेकिन जानकारी के अनुसार, सभापति जगदीप धनखड़ ने उनका निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति दे दी है। दरअसल, बजट […]
नई दिल्ली। राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा आज यानी मंगलवार को 11 निलंबित विपक्षी सांसदों को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का दोषी(Opposition MPs Suspended) ठहराया गया। लेकिन जानकारी के अनुसार, सभापति जगदीप धनखड़ ने उनका निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति दे दी है। दरअसल, बजट सत्र के आरंभ होने से एक दिन पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपी अपनी रिपोर्ट में समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि सदस्य पहले जितनी अवधि तक निलंबन का सामना कर चुके हैं उसे ही अवमानना के लिए पर्याप्त सजा माना जाना चाहिए।
बता दें कि जिन सांसदों को ‘विशेषाधिकार के उल्लंघन और सदन की अवमानना का दोषी(Opposition MPs Suspended) ठहराया गया था, वो जेबी मैथर हिशाम, एल हनुमंतैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी सी चंद्रशेखर, विनय विश्वम, संदोश कुमार पी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम हैं। समिति ने इस बात को ध्यान में रखते हुए धनखड़ को रिपोर्ट सौंपी। जिसमें बताया गया कि निलंबित सदस्य बुधवार (31 जनवरी) को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के दौरान उपस्थित नहीं हो पाएंगे।
वहीं सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सभापति ने निलंबन को रद्द करने के लिए नियमों के तहत निहित अधिकार का इस्तेमाल किया, जिससे सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण में भाग ले पाएंगे। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सभापति ने निलंबित किए गए इन 11 सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा था।
मंगलवार को सरकार ने कहा कि विपक्ष के वे 14 सांसद बजट सत्र में भाग ले सकेंगे जिन्हें शीतकालीन सत्र के दौरान निलंबित करने के साथ ही उनके मामले को विशेषाधिकार समितियों के पास भेज दिया गया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इन सांसदों के संदर्भ में सरकार के आग्रह पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सहमति जता दी है।
गौरतलब है कि दोनों सदनों में कुल 146 विपक्षी सांसदों का निलंबन(Opposition MPs Suspended) हुआ था। जिनमें 100 लोकसभा सदस्य और 46 राज्यसभा सदस्य शामिल थे। इनमें 132 सांसदों का निलंबन शीतकालीन सत्र के लिए था, जबकि 14 सांसदों के मामलों को दोनों सदनों की विशेषाधिकार समितियों के पास भेजा गया था। इस दौरान, लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर 132 सांसदों को 21 दिसंबर को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया था और इन 14 सांसदों का मामला संबंधित विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया था।
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