नई दिल्ली: NDA गठबंधन और भाजपा का विरोध करने वाली 17 पार्टियों को पटना में इकट्ठा हुए एक महीने का समय भी पूरा नहीं हुआ कि विपक्षी एकता की हवा निकल गई अभी तक चार दलों के शीर्ष नेताओं द्वारा राहुल को विपक्ष के चेहरे के रूप में पेश करने को लेकर आपत्ति जता चुके […]
नई दिल्ली: NDA गठबंधन और भाजपा का विरोध करने वाली 17 पार्टियों को पटना में इकट्ठा हुए एक महीने का समय भी पूरा नहीं हुआ कि विपक्षी एकता की हवा निकल गई अभी तक चार दलों के शीर्ष नेताओं द्वारा राहुल को विपक्ष के चेहरे के रूप में पेश करने को लेकर आपत्ति जता चुके है. पहले शरद पवार,अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जैसे नेता राहुल पर निशाना साध चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस फिर एक बार विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रही है, विपक्ष की आज बेंगलुरु में दुसरी मीटिंग के लिए एकत्र हो रहा है ऐसे में देखना अहम होगा कि क्या विपक्ष राहुल को चेहरा बनाना स्वीकार करता है या नहीं.
राहुल गांधी आए दिन अपने बयानों से सुर्खियों में बने रहते हैं. उनकी बयानबाजी को लेकर विपक्ष लगातार अपनी नाराजगी जाहिर करता रहा है, राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान पर MVA के रूप में उनके सहयोगी रहे शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी राहुल गांधी के ऐसे बयान पुरे विपक्ष को मुसीबत में डाल देते है ऐसे में ये भी कारण माना जा रहा है कि ये पार्टियां राहुल को विपक्ष का चेहरा नहीं बनाना चाहती है.
उद्धव ठाकरे ने साफ शब्दों में संकेत दिया था कि अगर राहुल गांधी सावरकर का अपमान करते रहे तो विपक्ष की एकता में दरार पड़ जाएगी. राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उद्धव ने कहा था कि सावरकर अंडमान में 14 वर्षों तक काला पानी की सजा के दौरान अकल्पनीय तकलीफे झेलते रहे थे. सावरकर हमारे लिए भगवान के सामान हैं और हम उनका अपमान सहन नहीं करेंगे.
आज से देश की विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेताओं की बेंगलुरु में दो दिवसीय एकता बैठक की शुरुआत होने वाली है, इससे पहले 23 जून को पटना में 17 दल एकजुट हुए थे. लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका था ऐसे में आज देखना अहम होगा कि कांग्रेस विपक्ष के नेतृत्व की कमान अपने हाथों में लेने में सफल होगी पायेगी अथवा नहीं.