नई दिल्ली: मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद के मानसून सत्र में हंगामा जारी है जहां विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबदेही की मांग कर रहा है. इसी क्रम में बुधवार को विपक्षी दलों के महागठबंधन INDIA ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे सभापति ओम बिरला ने […]
नई दिल्ली: मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद के मानसून सत्र में हंगामा जारी है जहां विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबदेही की मांग कर रहा है. इसी क्रम में बुधवार को विपक्षी दलों के महागठबंधन INDIA ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे सभापति ओम बिरला ने मंजूर कर लिया है. अब बस इंतज़ार है तो अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख के ऐलान होने का. हालांकि चर्चा की तारीख सामने आने से पहले ही विपक्षी महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है.
दरअसल अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आंध्र की सत्ताधारी पार्टी YSRCP ने विपक्ष का विरोध करने का फैसला लिया है. इतना ही नहीं दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर भी YSRCP विपक्ष से अपना समर्थन वापस ले लिया है. जगनमोहन रेड्डी की पार्टी अब मोदी सरकार को समर्थन देने जा रही है. गौरतलब है कि जगनमोहन रेड्डी की पार्टी उन पार्टियों में शामिल है जो अब तक किसी भी गठबंधन से नहीं जुड़ी है. ना ही जगमोहन रेड्डी NDA की मीटिंग में पहुंचे थे और ना ही INDIA .हालांकि हाल ही में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में रेड्डी भी शामिल हुए थे.
इसी क्रम में गुरुवार को विपक्ष के कई सांसद काले कपड़ों में सदन पहुंचे. दूसरी ओर पूर्वोत्तर क्षेत्र असम से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने भी मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है. संसद पहुंचे गौरव गोगोई ने मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर बहुत गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मणिपुर के लोगों के घाव पर नमक छिड़क रहे हैं। जिस समय हम कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर जाकर देश की व्यवस्था संभालें और राष्ट्रहित में काम करें उस समय वह यहां भाषण दे रहे हैं. सांसद ,हमें पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री मिला जो देश के एक हिस्से में आग लगने के बाद भी अपना भाषण देने में मग्न है. दूसरी ओर संसद परिसर में काले कपड़े पहनकर आने पर कांग्रेस ने कहा कि ये काला कपड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार के खिलाफ पहना गया है।