Opposition EVM VVPAT Election Commission Supreme Court: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित 21 से ज्यादा विपक्षी दलों के प्रमुख नेता 21 विपक्षी नेता 50 परसेंट EVM और VVPAT का पर्ची मिलान कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को ऐसा करने का निर्देश देने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा.
नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित 21 से ज्यादा विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. चंद्रबाबू नायडू, केजरीवाल समेत ये 21 सभी विपक्षी नेता ने सुप्रीम कोर्ट में 50 परसेंट EVM और VVPAT का पर्ची मिलान कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. इनकी मांग है कि कोर्ट चुनाव आयोग को 50 परसेंट EVM और VVPAT का पर्ची मिलान करने का निर्देश दे. पिछले महीने 21 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से लोकसभा 2019 चुनाव में कम से कम 50 फीसदी ईवीएम का मिलान वीवीपीएटी से कराने की मांग की थी.
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने पिछले महीने एक ज्ञापन चुनाव आयोग को सौंपा था. इस ज्ञापन में नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कई संदेहास्पद गतिविधियों के बारे में बताया गया था. पार्टियों ने कहा था कि ईवीएम और स्ट्रॉन्ग रूम के असुरक्षित होने और उससे छेड़छाड़ की खबरें मिली हैं. ज्ञापन में कहा गया कि ऐसी खबरें भी हैं, जहां स्ट्रॉन्ग रूम में बिजली नहीं थी और सीसीटीवी भी काम नहीं कर रहा था.
वहीं जनवरी में आम आदमी पार्टी ने बैलेट पेपर से लोकसभा 2019 चुनाव आयोजित कराने की मांग की थी. जनवरी में एक अमेरिकी हैकर ने यह दावा किया था कि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सकता है. इस साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया था कि बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की 2014 में हत्या की गई थी. इस शख्स का नाम सईद सूजा था. उसने कहा था कि मुंडे ईवीएम को हैक करने के बारे में जानते थे. इस हैकर ने दावा कि उसने ईवीएम को डिजाइन किया है और महाराष्ट्र, यूपी और गुजरात के चुनावों में धांधली हुई है. इस हैकथॉन कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद थे.