Operation Kaveri: सूडान से जेद्दा पहुंचा भारतीयों का 20वां बैच, अब तक तीन हजार लोग भारत लौटे

नई दिल्ली। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच चल रही लड़ाई लगातार बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से अफ्रीका के लोगो को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके चलते अफ्रीका में कई लोगों ने अपनी जान भी गवां दी है। इस बीच भारत ने वहां फसे अपने नागरिकों को निकालने के […]

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Operation Kaveri: सूडान से जेद्दा पहुंचा भारतीयों का 20वां बैच, अब तक तीन हजार लोग भारत लौटे

Apoorva Mohini

  • May 3, 2023 8:27 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच चल रही लड़ाई लगातार बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से अफ्रीका के लोगो को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके चलते अफ्रीका में कई लोगों ने अपनी जान भी गवां दी है। इस बीच भारत ने वहां फसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। जिसके तहत कम से कम अभी तक 3000 लोग सुरक्षित भारत पहुंचे है।

विदेश मंत्री ने ट्वीट के जरिये दी जानकारी

भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कल यानी 2 मई को रात 10.36 पर भारतीयों के 20वें बैच के आने की जानकारी दी। कल रात दिल्ली पहुंचे नागरिकों की संख्या लगभग 328 बताई जा रही है। अपने ट्वीट में एस.जयशंकर ने लिखा है कि ऑपरेशन कावेरी लगातार आगे बढ़ रहा है और लगभग 3000 अब भारत पहुंच चुके हैं।

जाने पूरा मामला

सूडान में देश की सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच लड़ाई चल रही है जिसकी शुरुआत तब हुई जब सूडान में 2021 के अक्टूबर में तख्तापलट हुआ। यह युद्ध 15 अप्रैल को सूडान की राजधानी खार्तूम में हुए धमाकों से बढ़ गया। सूडान की सेना और RSF पहले रविवार को और फिर सोमवार को 3 घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए थे लेंकिन बढ़ते मामलों को देख कर साफ है कि दोनों ही पक्ष कोई विराम नही चाहता है।

सूडानी सेना RSF को बनाना चाहती है अपना हिस्सा

सूडान में 2019 में भी विद्रोह हो चुका है वहीं यहां लंबे समय से सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश चल रही हैं लेकिन कुछ भी स्थायी स्थिति में नहीं पहुंच रहा। सूडानी सेना काफी प्रभावशाली शक्ति रही है जिसके कारण यहां बार-बार तख्तापलट होता है। सूडानी सेना दो साल में ही RSF को अपना हिस्सा बनाना चाहती है, इसी मुद्दे पर दोनों के बीच तनाव बढ़ा। जिसके बाद RSF ने मेरोवे में मिलिट्री स्टेशन के पास अपने सैनिक तैनात कर दिए। इस संघर्ष के पीछे RSF मुखिया जनरल मोहम्मद हमदान और सेना के जनरल अब्देल फतह अल बुरहान की निजी लालसाएं भी हैं जिसे लेकर दोनों के बीच का संघर्ष अब काफी बड़ा हिंसक रूप ले चुका है। दोनों एक-दूसरे पर हमले की शुरुआत करने का आरोप लगा रहे हैं।

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