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देश के इकलौते केंद्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय में टीचर के 52 पदों में SC, ST, OBC के लिए सिर्फ एक पद आरक्षित

देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में नियुक्तियों के विज्ञापन निकल रहे हैं. ऐसे में सरकार पर आरोप लग रहा है कि ऐसा एस.सी./एस.टी और ओबीसी के आरक्षण को बैकडोर से खत्म किया जा रहा है. दरअसल, पिछले दिनों यूजीसी के एक नोटिफिकेशन से आरक्षण लगभग समाप्त होता जा रहा है. इस नोटिफिकेशन में संस्थान के बजाय विभाग को एक इकाई मानने के लिए कहा गया है. इसका नतीजा यह हुआ कि तीन पद तक कोई आरक्षण संभव ही नहीं है. अब चार पद होने पर एक ओबीसी, सात पद निकलने पर एक एस.सी और 14 पद पर एक एस.टी को आरक्षण मिलेगा. इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश में हाल ही में निकली वैकेंसी में इसका प्रभाव साफ नजर आ रहा है.

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only one out of 52 faculty posts for SC, ST, OBC
  • April 16, 2018 10:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नए आदेश के बाद विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक पदों पर आरक्षण लगभग नगण्य हो गया है. इसका नजारा हाल ही में निकली वेकैंसियों को देखकर किया जा सकता है. इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश में हाल ही में 52 वेकैंसियां निकली थीं. इनमें यूजीसी के नए रोस्टर के अनुसार सीटों का विभाजन किया गया है. नए रोस्टर से निकाली गई इन भर्तियों में एससी, एसटी के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं है. पिछड़ा वर्ग के लिए सिर्फ एक पद आरक्षित है.

केंद्र सरकार के पूर्व सचिव पीएस कृष्णन के मुताबिक, पिछले फॉर्मूले के हिसाब से इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी में 52 में से कम से कम 20 सीटें एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षित होतीं. लेकिन 5 मार्च को यूजीसी द्वारा फैकल्टी आरक्षण की नई व्यवस्था लागू होने की वजह से आरक्षण लगभग नगण्य हो गया है. यूजीसी के नए आदेश में कुल पदों की गणना संस्थान के आधार पर करने के बजाय विभाग को इकाई माना गया है.

यह प्रक्रिया 23 अक्टूबर 2017 को चर्चाओं में आई थी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण के लिए पूरे विश्वविद्यालय के बजाय हर विभाग को इकाई माना जाना चाहिए. एचआरडी मिनिस्ट्री के निर्देश पर यूजीसी ने एक समिति बनाई थी. इस समिति ने इस विषय पर 10 अदालती आदेशों का अध्ययन किया और सभी विश्वविद्यालयों में इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश लागू करने की सिफारिश की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था.

PC- The Indian Express

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