नई दिल्ली. One year of farmer protest प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही तीनो कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन किसान संगठन अभी भी आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं हैं. कल हुई कैबिनेट की बैठक में कृषि कानूनों को रद्द करने के खिलाफ बिल को मंजूरी मिल गई […]
नई दिल्ली. One year of farmer protest प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही तीनो कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन किसान संगठन अभी भी आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं हैं. कल हुई कैबिनेट की बैठक में कृषि कानूनों को रद्द करने के खिलाफ बिल को मंजूरी मिल गई है. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा। वहीँ इसकी दूसरी ओर किसान संगठन किसान आंदोलन की वर्षगांठ पर बड़े आंदोलन का ऐलान कर चुके हैं. 40 से ज्यादा किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा है कि वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करने वाले हैं क्योंकि उनकी मांगें अब भी बाकी हैं. किसान संगठन की अपील के बाद बड़ी संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पहुंचने लगे हैं. किसान संगठनों द्वारा किए गए इस आह्वान को देखते हुए अब दिल्ली की सीमा पर एक बार फिर से बड़ी संख्या में बैरिकेड नजर आने लगे हैं और सुरक्षाबलों की तैनाती भी बढ़ गई है.
500 किसान करेंगे ट्रेक्टर-मार्च
किसान संगठनों ने लौट गए किसानो से आंदोलन में वापस आने और आंदोलन को और बल देने के लिए कहा है, क्योकि अभी तक MSP पर सरकार ने कानून नहीं बनाया है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- जबतक सरकार हमारी सभी मांगो को पूरा नहीं करती है, तबतक हमारा आंदोलन इसी प्रकार जारी रहेगा। आपको बता दें 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक 500 किसान ट्रेक्टर-मार्च करेंगे। राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान उन रास्तों से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे जो रास्ते सरकार ने खोल दिए हैं. उन्होंने कहा कि उनका इरादा रास्तों को बंद करना नहीं बल्कि सरकार से बात करने का है.