नई दिल्ली: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, भगवान श्री राम साक्षात श्री नारायण के अवतार हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का चरित्र जितना महान है, उतनी ही महान है उनकी कथा रामायण। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति हर दिन महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण या महाकवि तुलसीदास जी द्वारा लिखित रामचरितमानस का […]
नई दिल्ली: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, भगवान श्री राम साक्षात श्री नारायण के अवतार हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का चरित्र जितना महान है, उतनी ही महान है उनकी कथा रामायण। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति हर दिन महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण या महाकवि तुलसीदास जी द्वारा लिखित रामचरितमानस का पाठ करता है, वह सभी तरह की दुख और परेशानियों से मुक्त हो जाता है। उसका मन स्थिर हो जाता है और मन से सारे नकारात्मक विचार खत्म हो जाते हैं। अब इतना महान रामायण आज के समय के हर रोज पढ़ पाना थोड़ा कठिन है। क्योंकि यह काफी लंबा है और समय लेने वाला है। ऐसे ही लोगों के लिए जिनके पास समय का अभाव है, हिंदू शास्त्रों में एक श्लोकि रामायण (One Verse Ramanyana Mantra) की रचना हुई है।
एक श्लोकि रामायण (One Verse Ramanyana Mantra) का मतलब है की पूरा रामायण का सार सिर्फ एक श्लोक में छिपा हुआ है। अगर कोई पूरा रामायण पढ़े बिना भी उसके पूरे पाठ का फल प्राप्त करना चाहता हो, तो वो ये एक श्लोकि रामायण पढ़ सकता है। हिंदू धर्म के शास्त्रों में इसके कई महत्त्व बताए गए हैं। ये श्लोक सिर्फ 20 शब्दों का है, लेकिन तब भी इसमें रामायण के सभी मुख्य पत्रों और मुख्य घटनाओं का सार है। आइए जानते हैं क्या है वो खास श्लोक।
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुंभकर्ण हननम्, ऐतद्धि रामायणम्।।
इस 20 शब्दों के श्लोक (One Verse Ramanyana Mantra) में भगवान राम के वनवास, उनके द्वारा स्वर्ण मृग का वध, माता सीता का हरण, माता सीता को बचाने के लिए जटायु जी का बलिदान, भगवान राम की सुग्रीव से मुलाकात, बालि का वध, प्रभु राम का समुंद्र पार करना, लंका का दहन, और अंत में श्री राम द्वारा रावण और उसके भाई कुंभकर्ण का वध का वर्णन है।
इस रामायण के मंत्र के जाप से व्यक्ति के मन को असीम शांति मिलती है और उसमें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इसके पाठ से सम्पूर्ण रामायण के पाठ का ही पुण्य प्राप्त होता है। इसका पाठ आप 7, 14, 21 या 108 बार कर सकते हैं। हिंदू धर्म में इस श्लोक के 108 बार जप करने के विशेष लाभ बताए गए हैं। जाप करने के लिए आप रुद्राक्ष के माला का प्रयोग कर सकते हैं। वेदों के अनुसार, रोज सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर इस मंत्र का ध्यान करना चाहिए। इससे आपके पापों का नाश होता है।
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