CWC मीटिंग के बाद राफेल डील पर बोले राहुल गांधी- देश का 1.30 लाख करोड़ चुराकर 45 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे दोस्त को दे दिया

सीडब्ल्यूसी बैठक के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, आज CWC की बैठक में मुख्य चर्चा में से एक यह रही कि पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राफेल घोटाले में हुए 130,000 करोड़ के बारे में शानदार विवरण दिया. उन्होंने आगे लिखा कि भारत के लोगों से पैसा चुरा लिया और कर्ज में डूबे अपने दोस्त को 45,000 करोड़ रुपए दे दिया. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी , वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और अन्य नेता शामिल हुए.

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CWC मीटिंग के बाद राफेल डील पर बोले राहुल गांधी- देश का 1.30 लाख करोड़ चुराकर 45 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे दोस्त को दे दिया

Aanchal Pandey

  • August 4, 2018 7:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आज पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई. इसमें पार्टी ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), गठबंधन, राफेल और कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तबियत खराब होने के चलते सीडब्ल्यूसीकी बैठक में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल नहीं हुई. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी , वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और अन्य नेता शामिल हुए. कांग्रेस की इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर भी चर्चा हुई.

बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर राफेल डील को लेकर हमला बोला. सीडब्ल्यूसी बैठक के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, आज CWC की बैठक में मुख्य चर्चा में से एक यह रही कि पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राफेल घोटाले में हुए 1.30 लाख करोड़ के बारे में शानदार विवरण दिया. उन्होंने आगे लिखा कि भारत के लोगों से पैसा चुरा लिया और कर्ज में डूबे अपने दोस्त को 45 हजार करोड़ दे दिया. इससे पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष राफेल को लेकर कई बार अनिल अंबानी और केंद्र सरकार पर आरोप लगा चुके हैं. हालांकि इस बार उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वो जिस दोस्त का जिक्र कर रहे हैं वो दोस्त अनिल अंबानी हैं.

कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार राफेल के लिए यूपीए शासन वाले सौदे के मुकाबले प्रति विमान ज्यादा कीमत चुका रही है. राफेल सौदे को लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि तत्कालीन सरकार ने यूपीए सरकार के समझौता को खत्म कर फ्रांस के साथ नया समझौता करने के पीछे की मंशा एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाना था. 

राहुल गांधी संसद संत्र के दौरान कह चुके हैं कि लड़ाकू विमान सौदे में निश्चित तौर पर घोटाला हुआ है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा था कि विमान की कीमतों के बारे में पूछे जाने पर मोदी घबराते हैं. राहुल ने इस मुद्दे को लेकर एक ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा कि हमारी रक्षा मंत्री ने कहा कि वह (खुलासा) करेंगी या लेकिन अब कह रही हैं कि खुलासा नहीं करेंगी. वह गोपनीय है और गोपनीय नहीं है, के बीच फंसी हुई हैं.

जब प्रधानमंत्री से राफेल के विमान के बारे में पूछा जाता है तो वह घबराते हैं और मेरी आंखों में आंख डालकर नहीं देख पाते. निश्चित तौर पर बड़े घोटाले की बू आ रही है. बीते 20 जुलाई को लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ‘चौकीदार नहीं बल्कि भागीदार’हैं.

इससे पहले भी राहुल गांधी कर चुके हैं कई ट्वीट

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा था कि सर्वोच्च नेता के चापलूस राफेल घोटाले की खबर कर रहे पत्रकारों को धमकी भरे संदेश भेज रहे हैं और उनसे कह रहे हैं कि पीछे हटो या फिर….।’ उन्होंने आगे लिखा था कि कुछ बहादुर पत्रकारों पर मुझे गर्व है जिनमें सच्चाई का बचाव करने और मिस्टर 56 के सामने खड़े होने की हिम्मत है.

राहुल गांधी ने इससे पहले ट्वीट कर लिखा था कि अगले 50 वर्षों में भारतीय करदाताओं को मिस्टर 56 के मित्र के संयुक्त उपक्रम को 36 राफेल विमानों के रखरखाव के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा.

अनिल अंबानी दे चुके हैं सफाई
उद्योगपति अनिल अंबानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल सौदे पर पत्र लिखा था. अनिल अंबानी ने इन आरोपों को खारिज किया है कि उनके रिलायंस समूह के पास राफेल लड़ाकू जेट सौदे के लिए अनुभव की कमी है. अंबानी ने यह भी कहा था कि फ्रांसीसी समूह डसॉल्ट द्वारा उनकी कंपनी को स्थानीय भागीदार के रूप में चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. अंबानी ने यह पत्र 12 दिसंबर 2017 को लिखा था. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि आखिर रिलायंस समूह को अरबों डॉलर का यह सौदा क्यों मिला है. अपने इन दो पृष्ठ के पत्र में अनिल अंबानी ने लिखा था न केवल हमारे पास जरूरी अनुभव है बल्कि रक्षा विनिर्माण के कई अहम क्षेत्रों में हम सबसे आगे हैं. राहुल गांधी लगातार राफेल को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं.

ये है राफेल की खासियत
राफेल विमान फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू विमानों को ओमनिरोल विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण रोल निभाने में सक्षम हैं. हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खासियत हैं.

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