नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर बनी समिति को जनता से 5,000 से अधिक राय मिले हैं। इस उच्च स्तरीय कमेटी ने पिछले हफ्ते देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए लोगों से सुझाव मांगे थे। […]
नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर बनी समिति को जनता से 5,000 से अधिक राय मिले हैं। इस उच्च स्तरीय कमेटी ने पिछले हफ्ते देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए लोगों से सुझाव मांगे थे। सूत्रों ने बुधवार यानी 10 दिसंबर को यह जानकारी दी
सूत्रों ने कहा कि अब तक 5,000 से अधिक ईमेल प्राप्त हो चुके हैं। एक सार्वजनिक नोटिस में उच्च स्तरीय समिति ने कहा था कि 15 जनवरी तक प्राप्त सुझावों पर राय – विचार किया जाएगा। समिति का गठन पिछले साल सितंबर के महीने में किया गया था। इसके बाद से दो मीटिंग हो चुकी हैं।
समिति ने हाल ही में राजनीतिक दलों को पत्र लिखा था और उनसे एक साथ चुनाव कराने के विचार पर परस्पर सहमति वाली तारीख पर उनके विचार मांगे थे। बाद में इसने सभी पार्टियों को एक रिमाइंडर भेजा था। छह राष्ट्रीय पार्टियां, 33 राज्य स्तरीय दलों और सात पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों को पत्र भेजे गए थे। वहीं समिति ने एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग के विचार भी सुने
हैं।
इस संदर्भ की शर्तो के मुताबिक समिति संविधान और अन्य वैधानिक प्रावधानों के तहत मौजूदा ढ़ाचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के लिए जांच और सिफारिशें करने के लिए है।