One Nation One Election: एक राष्ट्र-एक चुनाव पर कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

नई दिल्लीः भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में ‘एक देश-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। यह रिपोर्ट कुल 18,626 पन्नों की है। 2 सितंबर, 2023 को इस कमेटी की गठन के बाद […]

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One Nation One Election: एक राष्ट्र-एक चुनाव पर कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

Sachin Kumar

  • March 14, 2024 12:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्लीः भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में ‘एक देश-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। यह रिपोर्ट कुल 18,626 पन्नों की है। 2 सितंबर, 2023 को इस कमेटी की गठन के बाद एक्सपर्ट के साथ चर्चा और 191 दिनों की अनुसंधान के बाद यह रिपोर्ट सौंपी गई है।

इस रिपोर्ट के पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बारे में बताया गया है। दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों को लोकसभा-विधानसभा चुनाव के साथ इस तरह जोड़ने के लिए कहा गया है कि निकायों के चुनावों को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिनों के अंदर संप्न्न करा लिया जाए। बता दें कि एक देश-एक चुनाव का सीधा सा मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ करा लिए जाएं।

दरअसल, आजादी के बाद कुछ सालों तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे लेकिन बाद में समय से पहले विधानसभा भंग होने और सरकार गिरने के कारण ये परंपरा खत्म हो गई।

एक देश-एक चुनाव के क्या हैं लाभ ?

इसके पक्ष में कहा जाता है कि एक देश-एक चुनाव बिल लागू होने से देश में हर साल होने वाले चुनावों पर खर्च होने वाली भारी धनराशि की बचत होगी। बता दें कि 1951-1952 लोकसभा चुनाव में 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में 60 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि खर्च हुई थी। पीएम मोदी कह चुके हैं कि इससे देश के संसाधन बचेंगे और विकास की गति धीमी नहीं पड़ेगी।

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