नई दिल्ली: मोदी सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी। इस रिपोर्ट के पास होते ही यह साफ हो गया कि अब देश में सभी चुनाव एक साथ करवाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी साफ कर दिया था कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में यह बड़ा चुनाव सुधार लागू हो जाएगा।
मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर चर्चा शुरू की थी और इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। समिति को यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वह देश में एक साथ चुनाव करवाने की संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार करे। समिति ने मार्च 2024 में अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। अब कैबिनेट ने इस रिपोर्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब इस रिपोर्ट पर देश के सभी मंचों पर चर्चा की जाएगी। नौजवानों, कारोबारियों, पत्रकारों समेत सभी संगठनों से इस बारे में बातचीत होगी। इसके बाद इसे लागू करने के लिए एक ग्रुप बनाया जाएगा और कानूनी प्रक्रिया पूरी कर इस सुधार को देश में लागू किया जाएगा।
समिति का गठन: मोदी सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति बनाई थी।
समिति की जिम्मेदारी: समिति का काम था कि वह यह देखे कि देश में एक साथ चुनाव करवाना संभव है या नहीं।
रिपोर्ट की सौंपना: समिति ने मार्च 2024 में अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी थी।
कैबिनेट का फैसला: अब इस रिपोर्ट पर कैबिनेट ने चर्चा करके इसे मंजूरी दे दी है।
1. पहला चरण: लोकसभा के साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव हों।
2. दूसरा चरण: लोकसभा और विधानसभा के साथ स्थानीय निकाय चुनाव भी एक साथ हों।
3. एक मतदाता सूची: पूरे देश में सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची हो।
4. एक जैसा वोटर आईडी कार्ड: सभी के लिए एक जैसा वोटर आई कार्ड होना चाहिए।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी पहले ही साफ कर दिया था कि मौजूदा कार्यकाल में ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू किया जाएगा। बीजेपी ने इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में इसका जिक्र किया था और बताया था कि रामनाथ कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
हालांकि, सभी राजनीतिक दल ‘एक देश, एक चुनाव’ के पक्ष में नहीं हैं। कई दल इस विचार का विरोध कर रहे हैं और इसे लागू होते नहीं देखना चाहते। वहीं, मौजूदा सरकार का एजेंडा ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करना है, इसलिए कमेटी बनाई गई थी और अब उसकी रिपोर्ट को मंजूरी भी मिल गई है। इसके लागू होने में अभी लंबी प्रक्रिया बाकी है, लेकिन सरकार इसे आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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