नई दिल्ली। 24 फरवरी 2022 को ही रूस- यूक्रेन के बीच महायुद्ध की शुरुआत हुई थी। आज इस जंग को पूरा एक साल हो गया है, लेकिन दोनों देश किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। आइए आपको बताते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच कैसे इस युद्ध की शुरुआत हुई थी।
रूसी राष्ट्रपति ने ऐसे किया था जंग का ऐलान
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करते समय कहा था कि, उनका मकसद यूक्रेन पर कब्जा करने का नहीं बल्कि उसको डिमिलटराइज करने का है। उन्होंने इसे ‘सैन्य अभियान’ बताया था। पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करते वक्त कहा था कि, ” हमने बहुत कोशिश की। लेकिन सारी कोशिश नाकाम साबित हुई। रूस और यहां के लोगों की रक्षा के लिए उन्होंने हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है, सिवाय उस विकल्प के जिसका इस्तेमाल हम आज करने को मजबूर हुए हैं। ऐसी परिस्थितियों में हमें साहस के साथ तत्काल कार्रवाई करनी होगी। डोनबास के नागरिकों ने रूस से मदद की गुहार लगाई है। ”
पुतिन ने इनको घोषित किया स्वतंत्र राष्ट्र
बता दें कि यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करने से तीन दिन पहले पुतिन ने यूक्रेन के डोनबास प्रांत के डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था। दरअसल यहां पर कथित तौर पर 2014 से रूस समर्थिक अलगाववादियों का कब्जा था।
राजधानी कीव पर ऐसे किया था कब्जा
रूसी राष्ट्रपति के ऐलान के बाद लगभग 2 लाख रूसी सैनिक यूक्रेन की ओर बढ़ें। वहीं उत्तर में बेलारूस से कीव की ओर आगे बढ़ी। इसके अलावा उत्तर पूर्व से भी यूक्रेन में रूसी सेना ने कीव के लिए चढ़ाई करनी शुरु कर दी।
पूर्व और दक्षिण से भी रूसी सेना ने की चढ़ाई
पूर्व में खारकीव की ओर डोनबास के रास्ते भी सैनिक जाने लगे। जबकि साउथ में क्रीमिया के रास्ते ओडेसा, मारियूपोल और जापोरिज्जिया की तरफ भी रूसी आर्मी आगे बढ़े।
यूक्रेन के मुख्य बंदरगाहों पर रूस का कब्जा
गौरतलब है कि पिछले 1 साल में यूक्रेन के महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर रूस का कब्जा हो गया है। वहीं, यूक्रेन ने सैनिक कार्रवाई करते हुए अपने खोए हुए कुछ इलाकों को वापस पाने में कामयाब हुआ है।