प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में छानबे विधानसभा सीट पर उपचुनाव में अपना दल प्रत्याशी रिंकी सिंह कोल ने नामांकन करवाया है. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी भी उनके साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे जिस दौरान उनसे प्रयागराज में हुए अतीक-अशरफ हत्याकांड पर मीडिया ने सवाल किए. इस बीच वह दोहरे माफिया मर्डर केस से […]
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में छानबे विधानसभा सीट पर उपचुनाव में अपना दल प्रत्याशी रिंकी सिंह कोल ने नामांकन करवाया है. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी भी उनके साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे जिस दौरान उनसे प्रयागराज में हुए अतीक-अशरफ हत्याकांड पर मीडिया ने सवाल किए. इस बीच वह दोहरे माफिया मर्डर केस से जुड़े किसी भी सवाल से साफ़-साफ़ बचते नज़र आए.
कुछ पत्रकारों ने इस बीच जब कैबिनेट मंत्री से जब अतीक-अशरफ मर्डर को लेकर सवाल किया तो उन्होंने केवल चुनाव पर बात करने के लिए कहा. इस बीच फिर सवाल पूछे जाने पर वह इस कदर बिफर गए कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि क्या मुंह में माइक घुसाकर सवाल पूछोगे.
गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद की बहन मंत्री नंदगोपाल पर आरोप लगा चुकी है. उनोने बताया कि मंत्री ने अतीक अहमद से पांच करोड़ रुपए उधार लिए थे लेकिन जब ये पैसे वापस मांगे गए तो उन्होंने नहीं दिए. इसके अलावा अतीक की पत्नी और उमेश पाल हत्याकांड में फरार शाइस्ता परवीन ने भी मंत्री नंदी और उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता पर उमेश पाल केस में अतीक को फंसाने का आरोप लगाया था. याद दिला दें, 24 फरवरी के दिन राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके 50 दिन बाद प्रयागराज में एक बार फिर शूटआउट की घटना सामने आई जिसमें उमेश पाल मर्डर केस का मुख्य आरोपी अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अहमद मारे गए.
गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को हेल्थ चेकअप के लिए प्रयागराज के केल्विन अस्पताल ले जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या को तीन आरोपियों ने अजांम दिया और फिर खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। तीनों आरोपी खुद को सरेंडर करते समय जय श्री राम के नारे लगा रहे थे।