नई दिल्ली: राधा अष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और विशेष माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेमिका राधारानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भक्तजन इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों में जाकर राधा रानी के दर्शन करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यहां हम आपको ऐसे 5 प्रमुख […]
नई दिल्ली: राधा अष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और विशेष माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेमिका राधारानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भक्तजन इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों में जाकर राधा रानी के दर्शन करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यहां हम आपको ऐसे 5 प्रमुख मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां राधा अष्टमी के दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और विशेष पूजा-अर्चना होती है।
बरसाना, मथुरा के पास स्थित यह मंदिर राधा रानी की जन्मस्थन के रूप में प्रसिद्ध है। राधा अष्टमी के दिन यहां का माहौल भक्तिमय होता है। हजारों भक्त इस दिन विशेष रूप से राधा रानी के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर को फूलों और दीपों से सजाया जाता है, और भव्य झांकियों का आयोजन किया जाता है।
वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर भी राधा अष्टमी के अवसर पर बेहद खास होता है। भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की जोड़ी को यहां भक्त विशेष श्रद्धा से पूजते हैं। इस दिन मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है, और भक्ति गीतों के बीच विशेष पूजा की जाती है।
बरसाना के श्री जी मंदिर में राधा अष्टमी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह मंदिर राधा रानी के प्रेम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। यहां हर साल राधा अष्टमी के दिन विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों भक्त भाग लेते हैं।
कोलकाता के राधा माधव मंदिर में भी राधा अष्टमी के दिन विशेष आयोजन होते हैं। इस दिन मंदिर को बेहद सुंदर ढंग से सजाया जाता है, और भक्तगण राधा रानी की मूर्ति के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। यहां परंपरागत गीत-संगीत और आरती के साथ विशेष भोग भी चढ़ाया जाता है।
दिल्ली का इस्कॉन मंदिर भी राधा अष्टमी के दिन भक्तों से भरा रहता है। यहां विशेष भजन-कीर्तन और आरती का आयोजन किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की जोड़ी के लिए विशेष श्रृंगार किया जाता है। भक्त यहां आकर राधा रानी की महिमा का गुणगान करते हैं और भक्ति रस में डूब जाते हैं।
Also Read…
दिन-रात भारत को गाली देने वाली कुख्यात महिला से मिले राहुल, आज़ाद कश्मीर का दे चुकी है नारा
अकाल मृत्यु के बाद प्रेत योनि में क्यों जातें हैं लोग, जानिए गरुड़ पुराण में मुक्ति के उपाय