6 दिसंबर 1992 को अयोध्या के बाबरी मस्जिद को तोड़े जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि 'मैं 1985 से इस आंदोलन से जुड़ी हुई थी और 1 दिसंबर से 7 दिसंबर तक वहीं थी, वहां कोई क्रिकेट का खेल नहीं हुआ था जो हुआ खुल्लम खुल्ला हुआ.'
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अयोध्या के बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 25वीं वर्षगांठ से ठीक पहले कहा है कि राम मंदिर जरूर बनना चाहिए, यह हमारी आस्था का मामला है. राम मंदिर वहीं है ये बात कोर्ट ने भी मानी है. लेकिन अयोध्या की वह जमीन आखिर किसकी है यह फैसला होना अभी बाकी है. सभी सबूत कोर्ट में पेश किए जा रहे हैं. ऐसे में मैं 6 दिसंबर को लेकर कोई बयान नहीं दूंगी.
इसके अलावा 6 दिसंबर की घटना को लेकर उमा भारती ने कहा कि ‘इसपर मेरा कुछ बोलना कोर्ट की अवमानना होगी. मैं उस समय 5 दिन पहले से ही अयोध्या में मौजूद थी. 1 दिसंबर को मैं वहां पहुंच गई थी और 7 दिसंबर की सुबह तक मैं वहां मौजूद थी. 6 दिसंबर को कोई क्रिकेट खेल नहीं हुआ था जो कुछ हुआ था खुल्लम खुल्ला हुआ था. मैं 1985 से इस मुद्दे के साथ जुड़ी हुई थी’
उन्होंने कहा कि इस मामले का समाधान निकाला जाना बहुत जरूरी. ऐसे में या तो बैठकर बातचीत के जरिए कोई समझौता किया जाए या फिर कोर्ट के फैसले को मान लिया जाए. क्योंकि सारी लड़ाई यह है कि वहां राम जन्म भूमि थी, न कि ये कि वहां भगवान राम का जन्म हुआ था या नहीं. वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर जाने को उन्होंने कहा कि ये चर्चा का विषय इसलिए है क्योंकि वह पहले मंदिर नहीं जा रहे थे जबकि अब जा रहे हैं. उमा भारती ने कहा कि ‘राहुल के जनेऊ पहनने वाली बात तो कांग्रेस के लोगों ने कही है. हमारे यहां तो बहुत से हिंदू जनेऊ को नहीं पहनते हैं. यह तो पहला बयान कांग्रेस के नेताओं की तरफ से आया है.’
इसके अलावा राहुल की रैली में भीड़ को लेकर उमा भारती ने कहा कि ‘यूपी में भी अखिलेश और राहुल की रैली में बहुत भीड़ आई थी, लेकिन क्या हुआ? इस लिए भीड़ से कोई अंदाजा नहीं लग सकता. राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने पर मुझे कुछ नहीं कहना. यह उनकी पार्टी को करना है’.
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