Omar Abdullah On Revoking Article 370: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जताई है. उमर अब्दुल्ला ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चेताया है कि इसके भविष्य में खतरनाक परिणाम होंगे. साथ ही एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आगे की लड़ाई हमारे लिए मुश्किल और लंबी है और हम इसके लिए तैयार है. इससे पहले केंद्र की बीजेपी सरकार ने राज्यसभा में सोमवार को धारा 370 हटाने का संकल्प और जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा.
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि इस निर्णय के खतरनाक परिणाम होंगे. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्य सभा में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया. शाह ने सदन में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया. एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने इस फैसले को विनाशकारी बताया है. अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने धोखे से पिछले कुछ सप्ताहों में इसकी जमीन तैयार की. उन्होंने एकतरफा फैसला लेकर जम्मू-कश्मीर की जनता को धोखे में रखा.
उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि भारत सरकार ने धारा 370 हटाने का जो फैसला लिया है वो बहुत ही चौंकाने वाला और छद्म फैसला है. सरकार ने 1947 में भारत के साथ विलय हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों को धोखे में रखकर विश्वासघात किया है. इस फैसले के भविष्य में खतरनाक परिणाम होंगे. जब पूरा कश्मीर एक आर्मी कैंप में तब्दील हो चुका है, तब सरकार ने यह फैसला लिया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह लंबी और मुश्किल लड़ाई आगे है, हम इसके लिए तैयार हैं.
इससे पहले उमर अब्दुल्ला और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू कश्मीर के कई नेताओं को देर रात को ही नजरबंद कर दिया गया था. इसके अलावा घाटी में धारा 144 लागू कर दी गई. इंटरनेट और मोबाइल सेवा पर भी पाबंदी लगा दी गई.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन होगा. जिसमें से लद्दाख अलग होकर एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. साथ ही जम्मू-कश्मीर भी केंद्र शासित प्रदेश बनेगा. हालांकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी और वहां का मुख्यमंत्री भी होगा लेकिन केंद्र शासित प्रदेश होने के चलते वहां की नीतियों पर फैसला करने का हक केंद्र सरकार के पास रहेगा.