नई दिल्ली: अयोध्या नगरी के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान आज पूरा हो गया। 500 साल के लंबे इंतजार के बाद आज भगवान राम अपने घर लौट आए हैं। वहीं हाल ही में इस मुद्दे पर ओआईसी संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान ओआईसी(OIC) ने अयोध्या में रामलला की प्राण […]
नई दिल्ली: अयोध्या नगरी के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान आज पूरा हो गया। 500 साल के लंबे इंतजार के बाद आज भगवान राम अपने घर लौट आए हैं। वहीं हाल ही में इस मुद्दे पर ओआईसी संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान ओआईसी(OIC) ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की निंदा करते हुए इसे गंभीर चिंता का विषय बताया।
बता दें कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी को जारी किए गए बयान में ओआईसी नेे कहा कि भारतीय शहर अयोध्या में जिस जगह पर पहले बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी, उसी जगह पर ‘राम मंदिर’ का निर्माण और इसकी प्राण प्रतिष्ठा गंभीर चिंता का विषय है।
ओआईसी नेे अपनी पिछली बैठकों में रुख जारी करते हुए ये कहा था कि हम इन कदमों की निंदा करते हैं। जिनका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे महत्वपूर्ण इस्लामिक स्थलों को मिटाना है, जो कि उसी स्थान पर पांच सदी तक खड़ी थी। इससे पहले भी कई बार ओआईसी भारत के कुछ मुद्दों(OIC) पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करता रहा है।
जानकारी दे दें कि ओआईसी मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है। जिसके सदस्य 57 देश हैं और इस संगठन में सऊदी अरब का दबदबा है। दरअसल, सऊदी अरब का नाम उन टॉप 10 देशों में नहीं आता जहां मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है और सऊदी अरब में मक्का और मदीना है। जिसके चलते इस संगठन में भी इस देश का बोलबाला है।
बता दें कि साल 1969 में हुई इस्लामिक समिट कॉन्फ्रेंस के बाद ओआईसी का गठन किया गया था। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक 2060 तक मुसलमानों की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत होगा। जबकि इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पाकिस्तान रहेगा। इतने के बाद भी इस संगठन में भारत को शामिल नहीं किया गया है।
पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर लिखा लेख, बेटे को फोन कर दी बधाई