रामनवमी के पावन अवसर पर पूरे देश में उल्लास का माहौल है। अयोध्या में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर सूर्य तिलक समारोह का आयोजन भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह अनुष्ठान श्रद्धालुओं को धर्म और संस्कृति से गहराई से जोड़ता है।
गौरतलब है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुआ था। इसी दिन रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा विधिपूर्वक सम्पन्न हुई थी। इस वर्ष एक महत्वपूर्ण बदलाव तब देखने को मिला जब लंबे समय से मंदिर की सेवा में समर्पित मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का निधन हो गया। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पंडित मोहित पांडेय को नया मुख्य पुजारी नियुक्त किया है। अब वे प्रतिदिन पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पंडित मोहित पांडेय को ₹32,900 मासिक वेतन मिलता है, जबकि सहायक पुजारियों का वेतन ₹31,000 है। पहले यह राशि क्रमशः ₹25,000 और ₹20,000 थी, जिसे हाल ही में बढ़ाया गया है। ट्रस्ट द्वारा पुजारियों को वेतन के साथ कई सुविधाएँ भी प्रदान की जाती हैं, जैसे मंदिर परिसर के पास आवास, आवश्यकतानुसार यात्रा की व्यवस्था, विशेष धार्मिक आयोजनों में भागीदारी और पूजा सामग्री की उपलब्धता।
पंडित मोहित पांडेय का वेदों और धर्मशास्त्रों में गहन अध्ययन रहा है। उन्होंने सामवेद की पढ़ाई पूरी की है और वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय से आचार्य की उपाधि प्राप्त की है। साथ ही, दूधेश्वर वेद विद्यापीठ से उन्होंने अनुष्ठान और मंत्रों का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उनकी विद्वता और साधना उन्हें इस पवित्र जिम्मेदारी के योग्य बनाती है। रामलला की सेवा में उनका योगदान हर श्रद्धालु के लिए प्रेरणा स्रोत है।
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