नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आप के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने वाली चुनाव आयोग की सिफारिश को राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. अब दिल्ली सदन में आम आदमी पार्टी के 46 विधायक बचे हैं. लाभ के पद पर कानून कहता है कि दिल्ली में कोई भी विधायक रहते हुए लाभ का पद नहीं ले सकता. केजरीवाल सरकार पर आरोप है कि उन्होंने अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था. जिनमें से राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से विधायक जरनैल सिंह ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था.
दरअसल, आम आदमी पार्टी की दिल्ली दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था. जिसे लाभ का पद बताते हुए एडवोकेट प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास शिकायत करते हुए इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. आप के एक विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई थी. संविधान के अनुच्छेद 102(1)(A) और 191(1)(A) के अनुसार संसद या फिर विधानसभा का कोई सदस्य अगर लाभ के किसी पद पर होता है तो उसकी सदस्यता जा सकती है.
ये हैं अयोग्य करार दिए गए आप के विधायक
1. मदन लाल
2. अलका लांबा
3. आदर्श शास्त्री
4. प्रवीण कुमार
5. चरण गोयल
6. सरिता सिंह
7. नरेश यादव
8. जरनैल सिंह (तिलक नगर)
9. राजेश गुप्ता
10. शरद कुमार
11. नितिन त्यागी
12. संजीव झा
13. कैलाश गहलोत
14. विजेंद्र गर्ग
15. राजेश ऋषि
16. अनिल कुमार वाजपेयी
17. सोमदत्त
18. सुलबीर सिंह डाला
19. मनोज कुमार
20. अवतार सिंह
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