नई दिल्ली. चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य बताए गए आम आदमी पार्टी के विधायकों ने इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई है. हालांकि कोर्ट ने द्वारा याचिका को खारिज किए जाने से पहले ही आप के छह विधायकों ने अपनी अर्जी वापस ले ली. गौरतलब है कि हाल ही में आयोग ने आप के कुल 20 विधायकों को लाभ के पद पर अयोग्य घोषित किया था जिसके बाद से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. इस मामले के कारण आम आदमी पार्टी में मची उथल पुथल के बाद पार्टी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई भी दी थी.
दरअसल बीते शुक्रवार को आयोग ने सिफारिश की थी कि 13 मार्च 2015 और 8 सितंबर 2016 के बीच लाभ का पद रखने को लेकर आम आदमी पार्टी के 20 विधायक अयोग्य ठहराए जाने के हकदार हैं. क्योंकि इस दौरान इन विधायकों को संसदी सचिव नियुक्त किया गया था. ये मामला प्रशांत पटेल की याचिका को बाद सामने आया था. इसके बाद निर्वाचन आयोग ने मामले पर राष्ट्रपति को विधायकों को अयोग्य ठहराने की राय दी. राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग की सिफारिश को मानने के लिए बाध्य होते हैं.
गौरतलब है कि नियम के अनुसार किसी भी जन प्रतिनिधि को अयोग्य करार दिए जाने की मांग के लिए राष्ट्रपति को भेजी जाने वाली याचिकाएं चुनाव आयोग को भेज दी जाती हैं. जिसके बाद निर्वाचन आयोग याचिका पर फैसला करता है और फिर अपनी सिफारिश को राष्ट्रपति भवन को भेजता है जो स्वीकार की जाती है. उसी तरह रविवार को राष्ट्रपति कोविंद ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश को मंजूर कर लिया.
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