दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने वाली EC की सिफारिश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने पर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. इस मामले की हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है. अगर वहां से राहत नहीं मिली तो आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. ताजा फैसले से दिल्ली में मध्यावधि चुनाव का खतरा मंडरा रहा है.
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने वाली चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद दिल्ली से शहरी विकास मंत्री गोपाल राय ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. गोपाल राय ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि राष्ट्रपति हमें भी अपना पक्ष रखने का मौका देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस मामले को लेकर अब AAP सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी आम आदमी पार्टी के खिलाफ साजिश कर रही है. चुनाव आयोग का रवैया दिल्ली सरकार के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रहा है. चुनाव आयोग ने बगैर किसी सुनवाई के ही यह फैसला सुनाया था.
वहीं AAP नेता आशुतोष ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ‘राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द को स्वयं विचार करना चाहिए कि क्या उन्होंने अपने विधायकों को अयोग्य करने पर हस्ताक्षर करके भारत गणराज्य के राष्ट्रपति के रूप में इतिहास में अपना कद बढ़ाया है?’ बता दें कि लाभ के पद का विवाद खड़ा होने के बाद चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को सौंपी थी. राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी को अब सिर्फ कोर्ट में जाने का ही रास्ता बचा है. हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई सोमवार को होनी है. इस मामले में आप को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. वहीं अगर सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली और आम आदमी पार्टी ने फैसला स्वीकार कर लिया तो मध्यावधि चुनाव छह महीने में कराना होगा.
We had hoped to go to the President asking him to give us a chance to present ourselves. Now we received this news. AAP will knock the doors of HC and even SC if the need be: Gopal Rai, Delhi Minister on recommendation of disqualification of 20 AAP MLAs approved by the President pic.twitter.com/TgyENWSgUf
— ANI (@ANI) January 21, 2018
The President, Sri Ram Nath Kovind should himself contemplate if he has enhanced his stature in history as the President of the Republic of India by signing to disqualify AAP MLAs ?
— ashutosh (@ashutosh83B) January 21, 2018
Unfortunate that the President took the decision in such haste, without giving us chance to speak. It’s an act of Centre using constitutional institutions. We’ve trust on judiciary. Doors of HC & SC is open for us.: Alka Lamba, one of the 20 disqualified AAP MLAs #OfficeOfProfit pic.twitter.com/BckXd6C11U
— ANI (@ANI) January 21, 2018
चुनाव आयोग ने एक्शन लिया तो AAP विधायकों की तरह छत्तीसगढ़ के BJP विधायकों पर भी गिर सकती है गाज