भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में 3 ट्रेनें दर्दनाक हादसे की शिकार हो गईं, जिसमें लगभग 275 लोगों की मौत हो गई जबकि 900 लोगों के घायल होने की खबर ने सबको झकझोर दिया है. इतना ही नहीं इस हादसे को लेकर पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है. वहीं रेलवे संचालन और व्यापार […]
भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में 3 ट्रेनें दर्दनाक हादसे की शिकार हो गईं, जिसमें लगभग 275 लोगों की मौत हो गई जबकि 900 लोगों के घायल होने की खबर ने सबको झकझोर दिया है. इतना ही नहीं इस हादसे को लेकर पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है. वहीं रेलवे संचालन और व्यापार विकास बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कल रविवार (4 जून) को कहा कि घटना के कुछ देर बाद तक कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट होश में थे और उन्हें ग्रीन सिग्नल मिला था। जया वर्मा का कहना है कि उन्होंने भी लोको पायलट से बात की थी और लोको पायलट ने उन्हें भी ग्रीन सिग्नल मिलने की बात कही थी। हालांकि बाद में लोको पायलट की हालत काफी बिगड़ गई और इस वक्त वह हॉस्पिटल में भर्ती है।
दरअसल इस भयानक घटना का शिकार हुई कोरोमंडस एक्सप्रेस के लोको पायलट जीएन मोहंती थे और असिस्टेंट लोको पायलट हजारी बेहरा थे। दोनों ही लोको पायलट गंभीर रूप से घायल हैं और फिलहाल हॉस्पिटल में दोनों का इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस ने जिस मालगाड़ी को टक्कर मारी उसके गार्ड की जान किस्मत से बच गई। लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी के पीछे से कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर मारी। अक्सर मालगाड़ी के आखिरी डिब्बे में गार्ड मौजूद होता है लेकिन मालगाड़ी लूपलाइन में थी तो ड्राइवर और गार्ड ट्रेन में मौजूद नहीं थे। इस कारण जब कोरोमंडल एक्सप्रेस के टक्कर मारते समय मालगाड़ी के लोको पायलट और उसके गार्ड की जान बच गई।
इस मामले की शुरुआती जांच में यह बात निकलकर सामने आ रही है कि घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट की गलती नहीं थी बल्कि सिग्नल में गड़बड़ी के कारण यह हादसा हुआ। दरअसल गलत सिग्नल के कारण ही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में चली गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। जानकारी के मुताबिक टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस की कुछ बोगियां डाउन लाइन से गुजर रही बेंगलुरु एक्सप्रेस से टकरा गईं। वहीं बेंगलुरु एक्सप्रेस के ए-1 कोच के बाद के 2 जनरल डिब्बे और गार्ड का कोच इस हादसे की चपेट में आ गए.