भुवनेश्वर: ओडिशा ट्रेन हादसे में जिले का एक परिवार 11 सदस्य सहित बाल-बाल बच गया है. जिस पैसेंजर रेल में यह भयानक हादसा हुआ है, उसमें यह इस परिवार के सभी सदस्य सवार थे. बताया जा रहा है कि सभी काम की तलाश में चेन्नई जा रहे थे. मिली जानकारी के अनुसार यह पीड़ित परिवार […]
भुवनेश्वर: ओडिशा ट्रेन हादसे में जिले का एक परिवार 11 सदस्य सहित बाल-बाल बच गया है. जिस पैसेंजर रेल में यह भयानक हादसा हुआ है, उसमें यह इस परिवार के सभी सदस्य सवार थे. बताया जा रहा है कि सभी काम की तलाश में चेन्नई जा रहे थे. मिली जानकारी के अनुसार यह पीड़ित परिवार जिले के कौआकोल प्रखंड के तुरियाडीह गांव के निवासी हैं. इस हादसे के बाद सभी ओडिशा से बिहार लौटने के बाद बेहतर इलाज के लिए नवादा सदर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां सिविल सर्जन राम कुमार प्रसाद ने सभी घायलों से मिलकर उनका हाल जाना. वहीं, चश्मदीदों ने कहा कि घटना के समय ट्रेन की बोगियां एक दूसरे पर चढ़ने लगीं, बोगी में चारों तरफ हड़कंप मच गया. हर कोई अपनी जान बचाने की इधर से उधर भागने लगे.
जानकारी के मुताबिक नवादा का एक 11 सदस्यीय परिवार कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन से चेन्नई जा रहा था. सभी रोजगार के लिए जा रहे थे, इस बीच ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में हुए घायलों में जिले के कौआकोल प्रखंड के तुरियाडीह गांव के निवासी नंदू दास, करिश्मा देवी, बालमुकुंद तुरिया, विनोद तुरिया, राजेश तुरिया, संजू देवी, मधु कुमारीं, शिवर्ती कुमारीं और दीपक कुमार शामिल हैं.
दरअसल ट्रेन हादसे में नवादा के 2 युवकों की मौत हो चुकी है. बता दें कि मरने वालों में जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल थाना क्षेत्र के कपसिया गांव के मिथलेश राय उर्फ मिट्ठू, रोह प्रखंड के मड़रा गांव के बद्री मांझी के पुत्र पप्पू मांझी कहा जा रहे हैं. इस भयानक हादसे के बाद मरने वालो के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. वहीं, ओडिशा ट्रेन हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो चुकी है और साथ ही 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.