नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार यानी 2 जून को रेल हादसों में लगभग 1000 के आस पास लोग घायल हुए हैं और कई मासूमों ने अपनी जान भी गंवाई। जिसमें मरने वालों का अकड़ा 288 बताया जा रहा था। लेकिन आपको बता दें कि जांच कर्ताओं से इस मामले एक बड़ी लापरवाही […]
नई दिल्ली : ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार यानी 2 जून को रेल हादसों में लगभग 1000 के आस पास लोग घायल हुए हैं और कई मासूमों ने अपनी जान भी गंवाई। जिसमें मरने वालों का अकड़ा 288 बताया जा रहा था। लेकिन आपको बता दें कि जांच कर्ताओं से इस मामले एक बड़ी लापरवाही हुई है।
#WATCH | The death toll is 275 & not 288. The data was checked by DM and it was found that some bodies have been counted twice, so the death toll has been revised to 275. Out of 275, 88 bodies have been identified: Odisha Chief Secy Pradeep Jena, on #OdishaTrainAccident pic.twitter.com/fuPSSmNxag
— ANI (@ANI) June 4, 2023
इन विगत तीन-चार दिनों से जहां लगभग पूरा देश शोक में है वहीं जांच कर्ताओं से एक भूल हो गई है। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने 4 जून को गलती स्वीकार कर उसकी जिम्मेदारी ली और फिर ये जानकारी दी कि 2 जून हुए रेल हादसे में 275 लोगों ने अपनी जान गवाई है और 1175 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में से अभी तक 88 शवों की शिनाख्त हो चुकी है। और बाकि की जांच अभी चल रही है।
मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बताया कि शवों की पहचान DNA टेस्टिंग के चलते संभव हो रही है। राज्य की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला मुर्दाघर में रखे शवों का लगातार टेस्ट कर रही है। उन्होंने बताया कि घायल होने वालों की संख्या 1,175 थी जिसमें से 793 लोगों का पूरा इलाज हो चुका है।
शुक्रवार 2 जून की शाम हुए ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन हादसे में जहां 280 लोगों की मौत और 900 से ज्यादा लोगों गंभीर रूप से घायल हुए है। वहीं इस हादसे के होने की वजह पर भी काफी चर्चा चल रही है। इन चर्चों का सार यही है कि या तो ट्रेनों की एक ही पटरी पर टक्कर हुई या कि कोरोमंडल एक्सप्रेस तकनीकी कारण से पटरी से उतर गई जिसके चलते इतना बड़ा हादसा हो गया है।
ओडिशा में हुए इस हादसे की वजह अभी तक तकनीकी खराबी ही मानी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिग्नल के खराबी के चलते दोनों ट्रेनें एक ही समय पर एक ही पटरी पर आ गईं।
बालासोर ट्रेन हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बहानगा स्टेशन के आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। ठीक इसी समय हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और इसका इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया। इसके बाद कोरोमंडल की कई बोगियां तीसरे ट्रैक पर जाकर गिर गई। इस ट्रैक पर हावड़ा एक्सप्रेस (12864) आ रही थी, जो कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टकरा गई।
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