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Odisha: सिल्कयारा सुरंग से सुरक्षित बचाए गए ओडिशा के श्रमिकों को राज्य सरकार ने 2-2 लाख रुपये की राहत राशि दी

भुवनेश्वर: उत्तराखंड सुरंग से बचाए गए ओडिशा (Odisha) के पांच में से चार श्रमिक शुक्रवार को भुवनेश्वर लौट आए। वापसी पर राज्य सरकार ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग से सुरक्षित बचाए गए ओडिशा के श्रमिकों को 2-2 लाख रुपये की राहत राशि […]

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Odisha: सिल्कयारा सुरंग से सुरक्षित बचाए गए ओडिशा के श्रमिकों को राज्य सरकार ने 2-2 लाख रुपये की राहत राशि दी
  • December 1, 2023 8:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

भुवनेश्वर: उत्तराखंड सुरंग से बचाए गए ओडिशा (Odisha) के पांच में से चार श्रमिक शुक्रवार को भुवनेश्वर लौट आए। वापसी पर राज्य सरकार ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग से सुरक्षित बचाए गए ओडिशा के श्रमिकों को 2-2 लाख रुपये की राहत राशि दी। जानकारी हो कि ओडिशा का एक श्रमिक अभी उत्तराखंड में ही अपने रिश्तेदार के घर रुक गया है।

ओडिसा सरकार ने दिए 2-2 लाख रुपये

उत्तरकाशी सिल्कयारा सुरंग से सुरक्षित बचाए गए ओडिशा के श्रमिकों को ओडिशा (Odisha)के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2-2 लाख रुपये की राहत राशि दी। ये 4 श्रमिक हैं- मयूरभंज जिले के राजू नायक, धीरेन नायक और विश्वेश्वर नायक और नबरंगपुर के भगवान बत्रा। ओडिशा के 5 श्रमिकों में से अभी 4 ही राज्य वापस लौटे हैं। भद्रक जिले का एक मजदूर तपन मंडल अभी अपने राज्य वापस नहीं लौटा है। वह उत्तराखंड में ही अपने रिश्तेदार के घर रुक गया है।

कब हुई दुर्घटना?

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग (Uttarkashi Tunnel) में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे अचानक से मलबा गिरने लगा। करीब 5.30 होते- होते मेन गेट से 200 मीटर अंदर तक भारी मात्रा में मलबा इकट्ठा हो गया। इससे उस वक्त टनल के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए। उनके बाहर आने का कोई रास्ता नहीं बचा। इस कारण 41 मजदूर 17 दिनों तक टनल के अंदर ही फंसे रह गए। इन मजदूरों के बचाव अभियान में NDRF, ITBP और BRO की टीम लगी हुई थी। साथ ही विदेश से भी विशेषज्ञों को बुलाया गया था।

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जानकारी हो कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 29 नवंबर की रात सुरक्षित बचाया गया। टनल के अंदर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मजदूर फंसे हुए थे।

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