नई दिल्ली, भाजपा द्वारा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किये जाने के बाद अब बीजेपी की प्रवक्ता ने अपने बयान पर खेद जताते हुए एक पोस्ट साझा की है. उन्होंने अपने इस ट्वीट के जरिये विवादित बयान को लेकर खेद जताया है. उन्होंने अपनी इस पोस्ट में विवादित बयान को लेकर अपना पक्ष रखा […]
नई दिल्ली, भाजपा द्वारा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किये जाने के बाद अब बीजेपी की प्रवक्ता ने अपने बयान पर खेद जताते हुए एक पोस्ट साझा की है. उन्होंने अपने इस ट्वीट के जरिये विवादित बयान को लेकर खेद जताया है. उन्होंने अपनी इस पोस्ट में विवादित बयान को लेकर अपना पक्ष रखा है.
नूपुर ने अब अपने विवादित बयान और भाजपा से सस्पेंड किये जाने के बाद मामले में खेद व्यक्त किया है. हाल ही में उन्होंने अपने ट्विटर पर एक ट्वीट किया है जिसमें भाजपा प्रवक्ता लिखती हैं, ‘ मैं पिछले कुछ समय से टीवी डिबेट्स में जा रही थीं जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव का अपमान किया जाता था. मेरे सामने लगातार यह कहा जा रहा था कि यह शिवलिंग नहीं बल्कि फुवारा है. दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत से शिवलिंग पाए जाते हैं. जाओ जाकर पूजा कर लो. मैं यह बात बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने इस संबंध में भावनाओं में बहकर कुछ भी कह दिया. मेरे शब्दों से अगर किसी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूँ.
— Nupur Sharma (@NupurSharmaBJP) June 5, 2022
कानपुर हिंसा को भड़काने वाला बयान देने वाली भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा अब पार्टी से निलंबित कर दी गई हैं. प्रवक्ता पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप था. जहां पहले उनके इस बयान पर भाजपा ने सफाई दी थी और फिर बाद में उन्हें सस्पेंड कर दिया. आइये बताते हैं कि पार्टी ने क्या कहकर नूपुर को बाहर का रास्ता दिखाया.
नूपुर शर्मा के लिए जारी किया गया निलंबन पत्र अब सामने आ रहा है. जहां पार्टी ने अपने इस पत्र में कहा है कि “आपने (नूपुर शर्मा ने) विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं… आगे की जांच के लिए, आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से और आपकी जिम्मेदारियों से निलंबित कर दिया जाता है।” बता दें, अब भाजपा ने अपनी प्रवक्ता को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. वहीं दूसरी ओर पार्टी ने दिल्ली बीजेपी के मीडिया हेड नवीन जिंदल को भी बाहर निकाल फेंका है. नवीन जिंदल पर भी पार्टी की विचारधाराओं के विपरीत विवादास्पद बयानबाज़ी करने का आरोप है.