NRC Documents Needed: नैशनल रजिस्टर सिटिजन (NRC) अगर सारे देश में लागू किया जाता है तो लोगों 1951 एनआरसी लिस्ट, 24 मार्च 1971 की वोटर आईडी, नागरिकता प्रमाण पत्र सहित कई डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी. हालांकि अभी नैशनल रजिस्टर सिटिजन (NRC) सिर्फ असम राज्य में ही लागू की गई है.
नई दिल्ली. NRC Documents Needed: एनआरसी यानी कि नैशनल रजिस्टर सिटिजन (NRC) यह केवल अभी असम में लागू किया गया है. असम में एनआरसी (NRC) लागू इसलिए किया गया है ताकि अवैध रुप से रह रहे प्रवासियों को बाहर निकाला जा सके. आपको बता दें कि असम में 1983 से पहले ही बाहरी लोगों के खिलाफ आवाज उठ रही थी. इसके पीछे का कारण अंग्रेजो के समय में असम में अधिकतर मजदूर आकर बस गये जिसके कारण वहां के लोगों का रोजगार छिन गया. उससे पहले आपको बता दें कि 1940 में अहोम दो भागों में बंटा हुआ था, लेकिन 1967 में दोनों धड़े एक साथ आ गये और जिसे ऑल असम स्टूडेंट्स एसोसिएशन के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर ऑल असम स्टूडेंट यूनियन या आसू कर दिया गया.
बाहरी लोगों की वजह से असम में असमिया लोगों की संख्या लगातार कम हो रही थी. जिसके बाद संगठन के नेताओं ने बाहरी लोगों को राज्य से बाहर जानें की मांग की और शर्त रखी की जब तक लोगों बाहरी लोगों का नाम वोटर लिस्ट से न हटाया जाये तबतक असम में कोई चुनाव न कराया जाए. इसके अलावा राज्य के लोगों ने शर्त रखी कि जो लोग 1963 के बाद आये हैं उनको उनके मूल जगह पर भेजा जाएगा.
लेकिन जब केंद्र सरकार ने 1983 में असम विधासभा चुनाव कराने का फैसला लिया. जहां पर असमिया लोगों की वर्चस्व ज्यादा था वहां पर 3 प्रतिशत से भी कम की वोटिंग हुई. जिसके बाद असम राज्य में हिंसा भड़क गई. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस हिंसा में लगभग 3,000 से ज्यादा लोग मारे गये.
1983 हिंसा के बाद दोनों पक्षों यानी कि आसू और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार और आंदोलन के नेताओं के बीच समझौता हुआ. इस समझौते को असम समझौता के नाम से जाना जाता है. इस समझौते के तहत जितने लोग 1971 के बाद असम आये थे उनको बाहर भेज दिया जाएगा. तभी से राज्य में एनआरसी लिस्ट जारी की जाती है.
एनआरसी अगर पूरे देश में लागू होती है तो इन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी : NRC Documents Needed