नई दिल्ली : अब आप अपने फोन पर आने वाली अनचाही कॉल्स का पता लगा सकते हैं. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने दूरसंचार मंत्रालय को एक सिफारिश भेजी है. इसमें मोबाइल फोन पर कॉल करने वाले का नाम दिखाने की मांग की गई है- (कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन यानी सीएनएपी) की है इसके बेस्ड […]
नई दिल्ली : अब आप अपने फोन पर आने वाली अनचाही कॉल्स का पता लगा सकते हैं. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने दूरसंचार मंत्रालय को एक सिफारिश भेजी है. इसमें मोबाइल फोन पर कॉल करने वाले का नाम दिखाने की मांग की गई है- (कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन यानी सीएनएपी) की है इसके बेस्ड पर कॉल प्राप्तकर्ता ये तय कर सकता है कि वो बात करना चाहता है या नहीं, और दूसरी ओर इसका मतलब ट्रू कॉलर जैसे कई ऐप्स के लिए कारोबार का अंत भी हो सकता है.
ट्राई ने पिछले साल स्पैम कॉल से निपटने के लिए एक सलाहकार दस्तावेज जारी किया था. बता दें कि ट्राई ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि कॉल में केवल वही नाम दिखाई देंगे जो कॉल करने वाले ने एक फॉर्म भरकर कंपनी को दिया होगा. यदि आपकी कंपनी को अधिक मात्रा में कॉल प्राप्त होती हैं, तो कॉल करने वालों को केवल आपकी कंपनी का नाम ही दिखाई देगा.
एक सर्वे के अनुसार देश के 60 फीसदी नागरिकों को हर दिन कम-से-कम 3 ऐसी अनचाही कॉल्स आती हैं, जो सेल्स कॉल्स होती हैं, और लोकलसर्किल सर्वे के अनुसार एक साल पहले ये आंकड़ा 66 फीसदी था, और सर्वेक्षण के अनुसार इनमें से आधे से अधिक कॉल वित्तीय सेवाओं से फाइनेंशियल सर्विस कॉल थे, और वही 22 प्रतिशत रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़े थे.
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