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हमें अब धर्म के मध्य मार्ग पर चलने की जरूरत, अति छोड़ना होगा- भागवत का बड़ा बयान

पुणे में सहजीवन व्याख्यानमाला में अपनी बात रखते हुए मोहन भागवत ने कहा कि अब भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम सब एक साथ रह सकते हैं। हम बहुत लंबे वक्त से पूरी सद्भावना के साथ रहते आ रहे हैं।

Mohan Bhagwat
inkhbar News
  • December 20, 2024 10:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

मुंबई/नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अब हमें अति को छोड़कर मध्य मार्ग पर चलने की जरूरत है। इसके साथ ही संघ प्रमुख ने देशभर में लगातार उठ रहे मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद अब कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वो ऐसे मुद्दे उठाएंगे तो हिंदुओं के नेता बन जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा। इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

एक मॉडल बनाने की जरूरत

पुणे में सहजीवन व्याख्यानमाला में अपनी बात रखते हुए मोहन भागवत ने कहा कि अब भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम सब एक साथ रह सकते हैं। हम बहुत लंबे वक्त से पूरी सद्भावना के साथ रहते आ रहे हैं। अब अगर पूरी दुनिया को हम यह सद्भावना दिखाना चाहते हैं, तो फिर हमें इसका एक मॉडल बनने की जरूरत है।

किसी का नाम लिए बिना कहा

बता दें कि भागवत ने अपने संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन उन्होंने कहा कि देश में हर दिन नया विवाद उठाया जा रहा है। इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है? इसकी अनुमति कैसी दी जा सकती है? उन्होंने कहा कि अभी हाल के दिनों में कई सारे मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की मांग उठी है, मामला अदालतों तक पहुंचा है। इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

कट्टरपंथियों को भी खूब सुनाया

इसके साथ ही संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कट्टरपंथियों को भी खूब सुनाया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए हुए कुछ समूह अपने साथ यहां पर कट्टरता लाए हैं। अब वो सोचते हैं कि कट्टरता के जरिए वो अपना पुराना शासन वापस ले आएंगे। लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। हमारा देश संविधान से चलता है और आगे भी संविधान से ही चलेगा।

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