नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की जिसमें कोर्ट ने जज शब्द के दुरूपयोग करने के मामले पर नोटिस जारी किया है. इस मामले में कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन को चार हफ्तों के अंदर जवाब देने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर की तय की गई है. […]
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की जिसमें कोर्ट ने जज शब्द के दुरूपयोग करने के मामले पर नोटिस जारी किया है. इस मामले में कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन को चार हफ्तों के अंदर जवाब देने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर की तय की गई है.
बता दें कि वकील संसेर पाल की याचिका में उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है जो अपने वाहन में जज शब्द का उपयोग करते हैं. वहीं यह भी कहा गया है कि ऐसे वाहनों को सुरक्षा कर्मियों द्वारा नहीं रोका जाता है. याचिका में दिल्ली जिला अदालतों के न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की गई है. जिन्होनें वर्ष 2018 के उन निर्देशों को उल्लंघन करते हुए जज वाहन पार्किंग स्टिकर प्राप्त किया था.
इस मामले को इस नजरिए से भी जोड़ कर देखा जा रहा है कि जज शब्द को अपनी गाड़ी पर लिखवाकर किसी तरह की अपराधिक घटना को भी अंजाम दिया जा सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण ये भी है कि जज शब्द लिखे वाहनों को पुलिस नहीं रोकती, इसी बात का फायदा अपराधी भी उठा सकते हैं.
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