नई दिल्ली। यदि आप राशन कार्ड धारक हैं और सरकारी राशन का लाभ उठाते हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। सरकार ने राशन लाभार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए आवश्यक नियम बनाए हैं। दरअसल, राशन में कई बार वजन में गड़बड़ी कर कोटेदार लोगों को कम राशन देता है। इसलिए सरकार […]
नई दिल्ली। यदि आप राशन कार्ड धारक हैं और सरकारी राशन का लाभ उठाते हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। सरकार ने राशन लाभार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए आवश्यक नियम बनाए हैं। दरअसल, राशन में कई बार वजन में गड़बड़ी कर कोटेदार लोगों को कम राशन देता है। इसलिए सरकार ने अब राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल को अनिवार्य कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम ने राशन लाभार्थियों के लिए राशन की सही मात्रा प्राप्त कराना अनिवार्य कर दिया है, इसके लिए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (EPOS) उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक स्केल से जोड़ना अनिवार्य कर किया है। सरकार ने यह कदम लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न तौलते समय राशन की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने और कटौती को रोकने के लिए उठाया है।
जानकारी के अनुसार, अधिनियम की धारा 12 के तहत खाद्यान्न तौल में सुधार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के संचालन की पारदर्शिता में सुधार के माध्यम से प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत, सरकार देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम गेहूं और चावल (खाद्यान्न) क्रमशः 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर दे रही है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि ईपीओएस उपकरणों के माध्यम से राज्यों को राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिहाज से 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त लाभ के साथ बचत को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा 2015 के उप-नियम (2) के नियम 7 में संशोधन किया गया है। नए नियम के तहत पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस की खरीद और उसके रखरखाव की लागत के लिए अलग से मार्जिन दिया जाएगा।
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