नई दिल्ली। स्टील, लौह अयस्क, प्लास्टिक, कोकिंग कोल सहित कई कच्चे माल पर आयात शुल्क में कमी से घर बनाने की लागत कम हो सकती है। साथ ही कारों और स्कूटरों की कीमतों में राहत मिल सकती है। पिछले शनिवार को सरकार ने विभिन्न प्रकार के कच्चे माल पर आयात शुल्क के साथ-साथ पेट्रोल और […]
नई दिल्ली। स्टील, लौह अयस्क, प्लास्टिक, कोकिंग कोल सहित कई कच्चे माल पर आयात शुल्क में कमी से घर बनाने की लागत कम हो सकती है। साथ ही कारों और स्कूटरों की कीमतों में राहत मिल सकती है। पिछले शनिवार को सरकार ने विभिन्न प्रकार के कच्चे माल पर आयात शुल्क के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क को कम करने की घोषणा की थी। अब इसका असर दिखने लगा है। श्री सीमेंट ने सोमवार को सीमेंट की कीमत में कटौती की घोषणा की।
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के अनुमान के मुताबिक, सरकार के इस फैसले से स्टील की कीमतों में 15 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। लौह अयस्क भी 4000 रुपये प्रति टन तक सस्ता हो सकता है। परिवहन लागत कम होने से अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि मकान बनाने की लागत में कमी से असली खरीदार को राहत मिलेगी।
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) के अनुसार, लागत में वृद्धि के कारण डेवलपर्स पर कीमतें बढ़ाने का दबाव था, जिससे अब राहत मिलेगी। घरों के निर्माण में मुख्य रूप से लोहा, इस्पात, सीमेंट की लागत शामिल होती है और ये सभी चीजें अब सस्ती होने जा रही हैं। मारुति सुजुकी जैसे बड़े ऑटो निर्माता भी लागत में कमी की समीक्षा कर रहे हैं और कंपनी के अनुसार इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा सकता है। स्टील के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते कई कार कंपनियां कार की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही थीं, अब ऐसा नहीं होगा। आम उपभोक्ताओं को राहत मिलने से छोटे उद्यमियों के कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है।
ईईपीसी के अनुसार, स्टील और लौह अयस्क से संबंधित छोटे उत्पाद सस्ते होंगे और उनकी बिक्री बढ़ेगी। छोटे उद्यमियों को अब कच्चा माल खरीदने के लिए कम पूंजी की आवश्यकता होगी, जिससे उनकी नकदी की बचत होगी और वे बड़े ऑर्डर लेने में सक्षम होंगे। लागत कम होने से प्लास्टिक से जुड़े सामान भी सस्ते हो जाएंगे। लागत में कमी से निर्यातकों की इंजीनियरिंग उत्पादों से लेकर प्लास्टिक उत्पादों तक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी और विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा। जानकारों का कहना है कि अगर सरकार के इस फैसले से कुल महंगाई दर में कमी आती है तो इससे मांग को भी बढ़ावा मिलेगा।