नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) पर लगी उस पाबंदी को हटा लिया गया है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों को संघ के कार्यक्रम में जाने पर मनाही थी. 58 साल पहले ये फैसला इंदिरा गांधी की सरकार ने लिया था, जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने पलट दिया है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है, लेकिन इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें चार सवाल पूछे गए है, जिनका परिणाम चौंकाने वाला आया है.
Q. केंद्र सरकार ने RSS की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर लगा बैन हटा दिया है, इस आपकी राय
सही फ़ैसला-70.00%
ग़लत फैसला-17.00%
पुनर्विचार करे-13.00%
कह नहीं सकते-0.00%
Q. क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस राज में दमन का शिकार होना पड़ा है?
हाँ-66.00%
नहीं-27.00%
कह नहीं सकते-7.00%
Q. सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने का असर क्या होगा?
राजनीतिक खेमेबाज़ी बढ़ेगी-18.00%
निष्पक्षता पर सवाल उठेगा-18.00%
बीजेपी को फ़ायदा होगा-56.00%
कह नहीं सकते-8.00%
Q. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आप किस तरह का संगठन मानते हैं?
हिंदुत्ववादी संगठन-33.00%
सामाजिक संगठन-42.00%
राजनीतिक संगठन-15.00%
इनमें से सभी-10.00%
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