नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड पर ब्याज या किसी अज्ञात शुल्क के कारण ग्राहकों को कोई नुकसान नहीं होगा. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो ग्राहकों को सुविधा प्रदान करेंगे. नए नियम 1 जुलाई से प्रभावी होंगे. नए नियम के तहत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी आरबीआई की मंजूरी से क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड जारी कर सकेंगी. दरअसल बैंक क्रेडिट कार्ड देते समय बड़े ही आकर्षक तरीके से इसकी खूबियां बताते हैं. हालांकि ग्राहक कार्ड से भुगतान पर लगने वाले ब्याज और अन्य शुल्कों से अनजान रहता है.
15 दिन का मिलेगा समय
नए नियम के तहत, बैंक क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी करने से पहले अपने ग्राहकों को कार्ड पर ब्याज के साथ अन्य सभी प्रकार के शुल्क के बारे में अनिवार्य रूप से सूचित करेंगे. इतना ही नहीं ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि की सूचना ई-मेल या एसएमएस के जरिए दी जाएगी और भुगतान के लिए कम से कम 15 दिन का समय दिया जाएगा. इसके बाद ही उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
देर हुई तो बैंक हर्जाना देगा
यदि कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड के बंद होने की सूचना देता है और ग्राहक का कोई बकाया नहीं है तो बैंक को किसी भी स्थिति में सात दिनों के भीतर कार्ड को निष्क्रिय करना होगा. ऐसा नहीं करने पर बैंक ग्राहक को प्रतिदिन 500 रुपये का जुर्माना अदा करेगा. अगर किसी ग्राहक का क्रेडिट कार्ड अपग्रेड कर दिया जाता है या बिना पूछे उसकी खरीदारी की सीमा बढ़ा दी जाती है, तो बैंक पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
टेलीकॉम नियमों का भी होगा पालन
कार्ड जारी करने वाले बैंक टेलीकॉलर्स रखने में टेलीकॉम नियमों का सख्ती से पालन करेंगे और कार्ड बनाने वाले ग्राहकों से सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ही संपर्क कर सकेंगे. कार्ड जारी करने के दौरान ली गई ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी को किसी अन्य स्थान पर साझा करना भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा
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