Rapper शुभ ही नहीं इन गायकों पर भी लगा खालिस्तानी सुर में गाने का आरोप

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच विवाद जारी है जिसे लेकर पंजाबी रैपर और सिंगर शुभ का कॉन्सर्ट कैंसिल कर दिया गया है. दरअसल शुभ पर खालिस्तान समर्थक होने का आरोप लगा है. कुछ दिनों पहले शुभ ने सोशल मीडिया पर भारत का एक विवादस्पद नक्शा शेयर किया था जिसमें पंजाब और जम्मू-कश्मीर दिखाई […]

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Rapper शुभ ही नहीं इन गायकों पर भी लगा खालिस्तानी सुर में गाने का आरोप

Riya Kumari

  • September 20, 2023 9:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच विवाद जारी है जिसे लेकर पंजाबी रैपर और सिंगर शुभ का कॉन्सर्ट कैंसिल कर दिया गया है. दरअसल शुभ पर खालिस्तान समर्थक होने का आरोप लगा है. कुछ दिनों पहले शुभ ने सोशल मीडिया पर भारत का एक विवादस्पद नक्शा शेयर किया था जिसमें पंजाब और जम्मू-कश्मीर दिखाई नहीं दे रहे थे. इसके अलावा भी उनके कई गानों में खालिस्तानी सुर सुनाई देते हैं. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब किसी पंजाबी सिंगर के खालिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आई है. ऐसा कई और कलाकारों के लिए भी सामने आ चुका है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों है.

शुभनीत सिंह

शुभनीत सिंह की बात करें तो वह कनाडा में रहते हैं. ‘डॉन्ट लुक’, ‘एलिवेटेड’, ‘चेक्स’, ‘नो लव’ और ‘वन लव’ जैसे कई रैप्स गाने वाले शुभ हिन्दुस्तानी ऑडियंस के बीच काफी पॉपुलर हैं. 26 साल की उम्र में ही उन्होंने विराट कोहली, केएल राहुल और हार्दिक पांड्या जैसे स्टार्स को अपना दीवाना बनाया है. हालांकि इस विवाद के सामने आने के बाद सभी क्रिकेटर्स ने उन्हें सोशल मीडिया से अनफॉलो कर दिया है. इसके अलावा मुंबई ही नहीं दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद में उनके सभी कॉन्सर्ट्स को कैंसिल कर दिया गया है.

सिद्धू मूसेवाला

दिवंगत पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का नाम भी इसी लिस्ट में शामिल है. उन्हें भी खालिस्तानी समर्थक कहकर बुलाया जाता था जहां पंजाब के मानसा में मूसा गांव निवासी शुभदीप सिंह सिद्धू ऊर्फ सिद्धू मूसेवाला के गानों में अक्सर खालिस्तान के समर्थन के सुर सुनाई देते थे. उनके गानों पर गन कल्चर को प्रमोट करने का भी आरोप लगा था. वह अक्सर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ दिखाई देते थे. इतना ही नहीं आर्म्स एक्ट के तहत उनके खिलाफ केस भी दर्ज़ हुआ था.

जब उनका गाना ‘पंजाब: माय मदरलैंड’ रिलीज़ हुआ था तो साल 2020 में उसने खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थन किया था. इस गाने में साल 1980 में खालिस्तान समर्थक भरपूर सिंह बलबीर के भाषण के कुछ दृश्य भी दिखाए गए थे. इसके अलावा किसान आंदोलन जिसपर खालिस्तानी समर्थित होने का आरोप लगा था मूसेवाला उसका भी समर्थन करते दिखाई दिए थे. सिद्धू मूसेवाला का परिवार भी उनकी इस मानसिकता को पोषित करता था. इसका उदाहरण उनकी पहली बरसी पर सामने आया.

दरअसल सिद्धू मूसेवाला की पहली बरसी पर मूसेवाला की मां चरण कौर ने स्टेज से सवाल किया था ”मैं बस तुमसे एक ही बात पूछना चाहती हूं कि हमारा देश आजाद है या गुलाम? इस पर वहां मौजूद लोगों ने कहा, ”गुलाम”. ये बरसी पंजाब के मानसा की किसान मंडी में आयोजित की गई थी. इस दौरान ‘खालिस्तान जिंदाबाद, खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए गए थे.

जैजी बी

मूसेवाला के अलावा पंजाबी सिंगर जैजी बी जो कनाडा निवासी हैं, इसी लिस्ट में शामिल हैं. जैजी बी पर भी हिंदुस्तान विरोधी सुर सुनाने का आरोप लगता आया है. उनके गाने ”पुत्त सरदारा दे” में खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह का महिमामंडन किया गया और सिखों के लिए खालिस्तान राज्य की मांग की गई. अमित बोवा ने इस गाने के बोल लिखे हैं जिसमें ये भी कहा गया है कि भारत में अपने लोगों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का बदला कैसे लेंगे ये सिखों को पता है. भिंडरावाले के भाषण में इस्तेमाल किए गए बोल समेत इस गाने में आपको किसान आंदोलन का भी ज़िक्र मिल जाएगा.

क्यों बिगड़ जाते हैं सुर ?

दरअसल खालिस्तानी समर्थक संगठन पंजाब के लोगों के बीच अपनी विचारधारा को मजबूत करने के लिए पानी की तरह पैसा बहाते हैं. इनके निशाने पर अधिकांश वो सिंगर, रैपर और एक्टर्स रहते हैं जिनकी कुछ फिल्में या गाने मशहूर हो जाती हैं. इन कलाकारों की लोकप्रियता नौजवानों के बीच काफी होती है जो अपनी कला के माध्यम से यूथ को इन्फुलेन्स करने की ताकत रखते हैं. ऐसे में खालिस्तानी समर्थक इन कलाकारों को इतनी रकम देते हैं कि ये अपनी भी विचारधारा को बदल लेते हैं. ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि भारत में सिनेमा और गानों का आम जनता पर कितना प्रभाव पड़ता है.

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