अहमदाबाद: गाँधीनगर कोर्ट ने आसाराम बापू को महिला अनुयायी से रेप के मामले में दोषी करार दिया है। आसाराम बापू को अगस्त 2013 में इंदौर में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जोधपुर ले जाया गया था। आसाराम को गाँधीनगर सत्र न्यायालय ने साल 2013 में सूरत की दो बहनों के साथ बलात्कार का […]
अहमदाबाद: गाँधीनगर कोर्ट ने आसाराम बापू को महिला अनुयायी से रेप के मामले में दोषी करार दिया है। आसाराम बापू को अगस्त 2013 में इंदौर में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जोधपुर ले जाया गया था। आसाराम को गाँधीनगर सत्र न्यायालय ने साल 2013 में सूरत की दो बहनों के साथ बलात्कार का दोषी ठहराया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आसाराम पर सिर्फ एक बलात्कार का ही नहीं, बल्कि कुल 7 मामले दर्ज है। आइए आपको इस बारे में बताते हैं:
बलात्कार से लेकर फ्रॉड तक… आसाराम पर अब तक 7 बड़े मामले दर्ज
खबर के मुताबिक, 5 जुलाई 2008 को 10 वर्षीय अभिषेक वाघेला और 11 वर्षीय दीपेश वाघेला के अधजले शव मोटेरा आश्रम के बाहर साबरमती नदी के सूखे तल में मिले थे। अहमदाबाद के इन चचेरे भाइयों के माता-पिता ने उनकी मृत्यु के कुछ दिन पहले उन्हें आसाराम ‘गुरुकुल’ स्कूल में दाखिला दिलाया था। मामले की जाँच शुरू की गई और 2012 में राज्य पुलिस ने मोटेरा आश्रम के सात कर्मचारियों पर हत्या का आरोप लगाया, जो ग़ैर-इरादतन था।
अगस्त 2013 में आसाराम के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया गया था। जोधपुर के शाहजहाँपुर में रहने वाला पीड़िता का परिवार आसाराम का कट्टर भक्त था। पीड़िता के पिता ने शाहजहाँपुर में आसाराम का आश्रम अपने खर्चे पर बनवाया था। उन्होंने अपने दोनों बेटों को छिंदवाड़ा के आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने भेजा। 7 अगस्त 2013 को टेलीफोन से खबर आई कि उसकी 16 वर्षीय बेटी बीमार है। जब वह वहाँ पहुँचे तो उसे बताया गया कि उसकी बेटी पर भूतों का साया है, जिसे केवल आसाराम ही ठीक कर सकता है। इलाज का झाँसा देकर आसाराम ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
जिस मामले में 31 जनवरी यानी सोमवार को सजा सुनाई गई, वह सूरत की अदालत से जुड़ा है। साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे ने मोटेरा आश्रम में रेप किया। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस मामले में आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ गवाह हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था।
जोधपुर कांड में गवाह अमृत प्रजापति की 23 मई 2014 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। साथ ही कई गवाहों पर हमला किया गया। कई लोगों को धमकी दी गई थी। 13 फरवरी 2015 को गवाह राहुल सचान पर जोधपुर कोर्ट के बाहर हमला किया गया था। इस तरह के घटनाक्रम के बीच कई बार आसाराम की जमानत अर्जी खारिज हुई। ऐसे भी कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
साल 2001 में, आसाराम की योग वेदांत समिति ने 11 दिनों के लिए मंगलया मंदिर के पास जमीन जब्त कर लिया था और फिर नहीं छोड़ा। जयंत विटामिन लिमिटेड से 700 करोड़ रुपये की जमीन के इस मामले में आसाराम, उनके बेटे नारायण साईं और कुछ अन्य पर आरोप लगाया था। राज्यों में इसी तरह के और भी मामले सामने आए हैं।
साल 2013 में सूरत की एक महिला ने आसाराम बापू और सात अन्य लोगों के खिलाफ बलात्कार और बंधक बनाने का मामला दर्ज कराया था. सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी।
दिसंबर 2012 में राजस्थान के पाली जिले में, आसाराम कथा के अंत के बाद, उन्होंने एक गाड़ी चलाई और एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन से प्रसाद के तौर पर चॉकलेट बरसाईं। इस दौरान हरिराम नामक एक शख्स की आँखों में चॉकलेट लगी और उन्हें अस्पताल भेजा गया। इस मामले में भी आसाराम के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया था। साथ ही फरवरी 2013 में मध्य प्रदेश के विदिशा में एक कार्यक्रम के दौरान भक्त आसाराम पैर छूने के लिए झुका था। इस बीच आसाराम ने उसे ज़ोर से लात मार दी थी। इस क्त की शिकायत पर अदालत ने आसाराम के खिलाफ वारंट जारी किया था।
सवाल यह है कि आसुमल एक आम आदमी से आसाराम के आध्यात्मिक गुरु कैसे बने? यह कहानी 70 के दशक में शुरू होती है। कहा जाता है कि अध्यात्म की ओर मुड़ने से पहले आसुमल ने कई तरह के व्यवसायों में अपनी किस्मत आजमाई। लेकिन सवाल यह भी है कि आसुमल ने अध्यात्म की ओर मुड़ने का फैसला क्यों किया?
मिली जानकरी के मुताबिक फिर साबरमती नदी के किनारे आसाराम ने कच्चा आश्रम बनाया था। धीरे-धीरे आसाराम अपने भाषणों से लोकप्रिय होने लगे। भक्त उनके साथ जुड़ने लगे। फिर वह समय आया जब आसाराम भी टेलीविजन पर आने लगे। उनके टेलीविजन भाषण लोकप्रिय होने लगे। पूरे देश में भक्तों की संख्या बढ़ने लगी। देश भर में फैले आश्रमों की संख्या भी 400 तक पहुंच गई। आसाराम देश के महान आध्यात्मिक नेताओं के समूह में शामिल हो गए।