नई दिल्ली. North India Strong Earthquake Possibility: 24 सितंबर को पाकिस्तान और भारत बॉर्डर इलाके में आए भूंकप से हर कोई दहल उठा. भूकंप का असर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहुत अधिक रहा तो वहीं उत्तर भारत के एनसीआर इलाके में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले समय में दिल्ली, यूपी, बिहार समेत उत्तर भारत में विनाशकारी तूफान का असर देखने को मिल सकता है. द वेदर चैनल इंडिया में छपी खबर के मुतबाकि इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.0 से ज्यादा हो सकती है.
पाकिस्तान भारत बॉर्डर इलाके में आए तूफान में करीब 30 लोगों की जान चली गई थी. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई थी. पाकिस्तान में भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी. वहीं भारत के दिल्ली, नोएडा, पंजाब, अमृतसर में भूकंप के कारण लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे. इसी कड़ी में एक्सपर्ट्स ने एक और विनाशकारी तूफान की चेतावनी दे डाली है.
द वेदर चैनल इंडिया ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर इस भूकंप के संबंध में जानकारी साझा की है. द वेदर चैनल इंडिया की वेबसाइट पर छपी खबर में प्रोफेसर डॉ एच एन उदय शंकर के मुताबिक हिमालय क्षेत्र एक प्लेट सीमा है और प्लेट की सीमाएं आमतौर पर भूकंप के केंद्र होती हैं. यदि कोई भारतीय उपमहाद्वीप में बड़े भूकंपों को एक नक्शे पर देखे तो ये सभी एक ही जोन में आती हैं. दिल्ली जैसे प्रमुख शहर इस भूकंप वाले क्षेत्र में आते हैं. भारतीय प्लेट हर साल कुछ सेंटीमीटर उत्तर की ओर लगातार बढ़ रही है. प्लेट के लगातार खिसकने की वजह से यूरेशियन प्लेट में सब्डक्शन (एक प्लेट का दूसरे प्लेट के नीचे आना) पैदा होता है.
प्रोफेसर डॉ एच एन उदय शंकर ने द वेदर चैनल इंडिया को आगे बताया कि यह एक सरल बल और खिंचाव प्रक्रिया है. जब भी चट्टानों में अधिक बल होता है, उनके अंदर से एनर्जी छोड़ती हैं और जिसके कारण भूकंप आते हैं. इसलिए हम केवल भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, लेकिन भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि भूकंप कब आएगा.
दे वेदर चैनल इंडिया के मुताबिक सिर्फ सितंबर महीने में हिमालयन रेंज की भारतीय उपमहाद्वीप में 15 बार भूकंप आ चुका है. प्लेट बाउंडरी होने के नाते हिमालयन जोन एक भूकंप का केंद्र है. इस क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे भूकंप विश्लेषण से पता चलता है कि सबडक्शन ज़ोन में जमा होने वाली ऊर्जा की मात्रा छोटे और मध्यम भूकंप के माध्यम से समान रूप से विघटित नहीं होती है. इस वजह से इस क्षेत्र में काफी बड़ी मात्रा में ऊर्जा इकट्ठी हो चुकी है, जिसकी वजह से एक विनाशकारी भूकंप आने की संभावना है.
द वेदर चैनल इंडिया की खबर के मुताबिक दिल्ली, यूपी, बिहार और उत्तर भारत के कई इलाकों में यह तूफान तबाही मचा सकता है. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.0 से ज्यादा हो सकती है, वहीं साल 2015 में नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता 7.8 थी. चार साल पहले नेपाल में आए इस भूकंप ने वहां के लोगों का बुरा हाल कर दिया था, जिसमें 8,800 से ज्यादा लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था.
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