North India Pollution Details, Uttar Bharat me Pradushan badha: दिल्ली के साथ-साथ यूपी वेस्ट के कई शहरों की हवा जहरीली हो गई है. उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण पर प्रियंका गांधी भड़कीं और सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई ट्वीट किए. बता दें कि दिल्ली का प्रदूषण उत्तर प्रदेश के बागपत, मेरठ और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक बढ़ गया है. शहर में एक्यूआई के गंभीर स्तरों ने प्रशासन को 5 नवंबर तक कई इलाकों में सभी स्कूलों के लिए छुट्टी घोषित करने के लिए मजबूर कर दिया है. राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बुलंदशहर है, इसके बाद हापुड़, ग्रेटर नोएडा, बागपत, नोएडा और लखनऊ हैं.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सात शहरों की हवा गंभीर स्तर पर आ गई है. तीन अन्य में बहुत खराब हवा की गुणवत्ता दर्ज की गई. सात शहर दिल्ली से भी बदतर थे जहां 399 का औसत 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक, एक्यूआई दर्ज किया था. इसी के बाद कांग्रेस नेता और उत्तर प्रदेश पूर्व की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके नाराजगी जाहिर की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, आज प्रदूषण के मुद्दे पर गम्भीरता से सोचने की जरुरत क्यों है? दिल्ली, नोयडा, गाजियाबाद, कानपुर, बनारस, लखनऊ समेत कई शहरों की हवा जहरीली बनी हुई है. इसी हवा में हमारे बच्चे स्कूल जाते हैं. इसी हवा में मजदूर और आम जन काम करने निकलते हैं. उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, 1952 में लंदन में भयंकर स्मॉग ने 12000 लोगों की जान ली थी. शहर जाम हो गया था, लाखों लोग बीमार पड़ गए थे. इतनी बड़ी त्रासदी के बाद वहां साफ हवा के लिए क़ानून पास हुआ. हम जैसे अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए तमाम काम करते हैं. जीवन बीमा लेते हैं, कसरत करते हैं.
प्रियंका ने कई ट्वीट किए इनमें से एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, हमें एक कोशिश प्रदूषण के खिलाफ भी करनी होगी. साफ हवा हमारा हक है और हमारी जिम्मेदारी भी. बता दें कि गाजियाबाद ने 453 का सबसे खराब औसत एक्यूआई था. इसके बाद बुलंदशहर का 446, हापुड़ का 444, ग्रेटर नोएडा का 438, बागपत का 435, नोएडा का 432, लखनऊ का 422, कानपुर का 379, मेरठ का 371 और वाराणसी का 328 रहा. सीपीसीबी डेटा, एक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बुलेटिन के अनुसार दिखाया गया है कि इन सभी ने दिल्ली के एक्यूआई को पीछे छोड़ दिया.
आज प्रदूषण के मुद्दे पर गम्भीरता से सोचने की जरुरत क्यों है? दिल्ली, नोयडा, गाजियाबाद, कानपुर, बनारस, लखनऊ समेत कई शहरों की हवा जहरीली बनी हुई है। इसी हवा में हमारे बच्चे स्कूल जाते हैं। इसी हवा में मजदूर और आम जन काम करने निकलते हैं। #LetsUniteAgainstPollution
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 4, 2019
1952 में लंदन में भयंकर स्मॉग ने 12000 लोगों की जान ली थी। शहर जाम हो गया था, लाखों लोग बीमार पड़ गए थे। इतनी बड़ी त्रासदी के बाद वहाँ साफ हवा के लिए क़ानून पास हुआ।
हम जैसे अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए तमाम काम करते हैं। जीवन बीमा लेते हैं, कसरत करते हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 4, 2019
हमें एक कोशिश प्रदूषण के खिलाफ भी करनी होगी। साफ हवा हमारा हक है और हमारी जिम्मेदारी भी।#LetsUniteAgainstPollution
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 4, 2019
बता दें कि 0-50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर माना जाता है. 500 से ऊपर गंभीर-प्लस या आपातकालीन श्रेणी है. उत्तर प्रदेश के कई इलाकों और जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल खराब मौसम के कारण सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगे. स्कूल 4 नवंबर और 5 नवंबर को प्रदूषण के मुद्दे पर बंद रहेंगे. कक्षाएं 6 नवंबर को फिर से शुरू होंगी.
Uttar Pradesh: A layer of smog blankets Hapur, this morning. Air Quality Index (AQI) is at 491 (severe) at Anand Vihar, as per Central Pollution Control Board (CPCB) data. pic.twitter.com/KdD2DHcJeQ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 4, 2019
Kanpur: A layer of smog covers areas in Kanpur. Air Quality Index (AQI) is at 392 (very poor) in Nehru Nagar, as per Central Pollution Control Board (CPCB) data. pic.twitter.com/uTLfDm2VfR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 4, 2019
Ludhiana: Farmers continue to burn stubble in Punjab; visuals from Kot Mana village. pic.twitter.com/DLhGLIXemk
— ANI (@ANI) November 4, 2019
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