Noble Prize: फ्रांस की एनी अर्नाक्स जीती साहित्य का नोबेल पुरस्कार, नोबल समिति ने टैगोर को याद किया

नई दिल्लीः फ्रांसीसी लेखिका एनी अर्नाक्स (Anne Arnaux ) ने इस वर्ष 2022 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Literature 2022) अपने नाम किया है. इस बात की घोषणा नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने वाली संस्था स्वीडिश अकादमी ने गुरुवार को किया .
लेखिका ने जताया आभार

साहित्य के नोबेल विजेता की घोषणा करते हुए नोबेल समिति ने बताया कि अपनी लेखनी के जरिए व्यक्तिगत स्मृति की जड़ों, व्यवस्थाओं और सामूहिक प्रतिबंधों को उजागर करने के लिए 82 वर्षीय अर्नाक्स का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है. पुरस्कार मिलने के बाद अर्नाक्स ने कहा कि यह पुरस्कार प्राप्त करना अपने आप में एक “महान सम्मान” की बात है, इसके साथ ही “एक बड़ी जिम्मेदारी” भी कंधे पर आ गई है. साहित्य के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष एंडर्स ओल्सन ने विजेता के चयन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अर्नाक्स का काम अक्सर “संगत और सरल भाषा में लिखा जाता है, जो अपने आप में काफी साफ-सुथरा होता है.

फ्लैट राईटिंग है लिखने का तरीका

बता दें कि अर्नाक्स ने पहले उपन्यास लिखना शुरू किया, उसके बाद से वह संस्मरण लिखने लगी. जिसके चलते उन्होंने कथा साहित्य को जल्द ही छोड़ दिया. उन्होंने 20 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं. इनमें से अधिकांश उनके जीवन की घटनाओं और उनके आसपास के लोगों के जीवन की घटनाओं पर आधारित है. अर्नाक्स ने अपनी लेखन शैली को “फ्लैट राइटिंग” (इक्रिचर प्लेट) के रूप में वर्णित किया है.

निजी जीवन पर आधारित है लेखनी

अपने पिता के साथ अपने रिश्तों को लेकर अर्नाक्स “ला प्लेस” (ए मैन्स प्लेस) पुस्तक में लिखती हैं कि ऐसी कोई मधुर यादें नही हैं. और यह लेखन शैली मुझे स्वाभाविक रूप से आती है. समीक्षकों द्वारा उनकी सबसे कामयाब पुस्तक “द इयर्स” (लेस एनीज़) थी, जो 2008 में प्रकाशित हुई थी जिसमें वह द्वितीय विश्व युद्ध के अंत से लेकर आज तक के व्यापक फ्रांसीसी समाज का वर्णन करती है. पिछली किताबों के विपरीत, “द इयर्स” में, अर्नाक्स खुद को तीसरे व्यक्ति के रूप में दर्शाती है.

नोबल समिति ने टैगोर को याद किया

नोबेल समिति ने गुरुवार को नोबल विजेता की घोषणा से पहले एक ट्वीट में भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया. गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार में विजेता को एक प्रशस्ति पत्र, मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग $900,000) का नकद पुरस्कार दिया जाता है. यह पुरस्कार स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है.

 

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Satyam Kumar

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