नई दिल्लीः शांति के लिए मिलने वाला नोबेल पुरुस्कार का ऐलान कर दिया गया है। इस बार यह सम्मान ईरान की नरगिस मोहम्मदी को दिया गया है। 51 साल की नरगिस मोहम्मदी अभी जेल में बंद है। ईरान सरकार ने उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई है। ईरानी सरकार ने […]
नई दिल्लीः शांति के लिए मिलने वाला नोबेल पुरुस्कार का ऐलान कर दिया गया है। इस बार यह सम्मान ईरान की नरगिस मोहम्मदी को दिया गया है। 51 साल की नरगिस मोहम्मदी अभी जेल में बंद है। ईरान सरकार ने उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई है। ईरानी सरकार ने उन्हें प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। बता दें कि नरगिस 19वीं महिला है जिन्हें नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। नरगिस को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई की आवाज उठाने के लिए ये सम्मान दिया गया है।
नोबेल समिति ने नरगिस को सराहा
नोबेल समिति का कहना है कि नरगिस ने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए कई बार आवाज उठाई है। वो अब तक 13 बार गिरफ्तार हो चुकी है। समिति ने पुरुस्कार की घोषणा ईरान की महिलाओं के नारे जन- जिंदगी- आजादी के साथ की। समिति ने कहा कि इस साल का नोबेल पुरुस्कार उन सैकड़ो- हजारो लोगों को भी पहचान देता है, जिन्होंने महिलाओं को निशान बनाने वाली भेदभाव और धार्मिक शासन की उत्पीड़क नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।
बता दें कि नरगिस मोहम्मदी को जब शांति का पुरस्कार दिया जा रहा है, उस समय भी वह अभी जेल में हैं। ईरान में सितंबर 2022 में एक युवा कुर्दिश महिला महसा जिना अमीनी की ईरान पुलिस की हिरासत के दौरान मृतयू हो गई थी। उनकी मौत के बाद पूरे ईरान में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ था। लोगों ने ईरान की सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।
नरगिस ने महिलाओं को स्वतंत्रता देने की मांग की। इस प्रदर्शन में लाखों की तादाद में ईरानी महिलाओं ने हिस्सा लिया था। इस पूरे प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं की आजादी का समर्थन किया और नरगिस मोहम्मदी के अभियान को अपना पूरा समर्थन दिया। नरगिस मोहम्मदी पर ईरानी पुलिस ने ईरान सरकार के खिलाफ झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।