कोलकाता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर अवैध कब्जे का आरोप लगा है। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने सेन को 13 डिसमिल जमीन खाली करने को लेकर नोटिस भेजा है। विश्वविद्यालय ने 3 दिन के भीतर अर्थशास्त्री को दूसरा नोटिस भेजा है और तुरंत जमीन खाली करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन का आरोप […]
कोलकाता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर अवैध कब्जे का आरोप लगा है। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने सेन को 13 डिसमिल जमीन खाली करने को लेकर नोटिस भेजा है। विश्वविद्यालय ने 3 दिन के भीतर अर्थशास्त्री को दूसरा नोटिस भेजा है और तुरंत जमीन खाली करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन का आरोप है कि अमर्त्य सेन के पास उनके हिस्से से अधिक जमीन है, इसलिए उन्हें ये जमीन तुरंत लौटा देना चाहिए।
विश्वभारती विश्वविद्यालय का कहना है कि अमर्त्य सेन ज्यादातर वक्त अमेरिका में ही रहते हैं, इसलिए शांति निकेतन परिसर में जमीन के अवैध कब्जे को खाली कर दें। विश्वविद्यालय ने सेन को 24 मार्च तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है। इसके साथ ही 29 मार्च को यूनिवर्सिटी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार के सामने पेश होने के लिए भी कहा है।
यूनिवर्सिटी द्वारा भेजे गए नोटिस में आगे कहा गया है कि अगर आप या आपके अधिकृत प्रतिनिधि तय तारीख पर पेश नहीं होते हैं तो ये समझा जाएगा कि आप जानबूझकर नोटिस का जवाब नहीं देना चाहते और फिर आपके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि, अमर्त्य सेन अभी अमेरिका में रहते हैं। अभी तक उनके या उनके परिवार की ओर से इस नोटिस को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। विश्वभारती विश्वविद्यालय का दावा है कि उनके पास शांति निकेतन परिसर में कानूनी रूप से सिर्फ 1.25 एकड़ जमीन ही है, लेकिन उन्होंने कुल 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा किया हुआ है।
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